लोकसभा चुनावों में जैसे-जैसे मतदान के चरण आगे बढ़ रहे हैं, प्रदेश में मतदान का प्रतिशत पिछली लोकसभा की तुलना में बेहतर हो रहा हैं। देश में मतदान के औसत में हर चरण के बाद गिरावट आई, लेकिन मप्र में लोगों का उत्साह बना हुआ है। देश के ६ चरणों को देंखे तो पहले चरण का औसत मतदान 69.5 प्रतिशत रहा था। 12 मई को हुए मतदान का औसत प्रतिशत 63.4 पर रह गया हैं। इसका कारण कश्मीर और उत्तरी राज्यों में मतदान के प्रतिशत में उल्लेखनीय बढ़ोतरी नहीं होना है। मप्र में भी तीन चरणों में 21 सीटों पर वोट गिर चुके है। यहां सर्वाधिक मतदान छिंदवाड़ा में 82 फीसदी हुआ है। औसत देखें तो 65 से 68 फीसदी के बीच रहा। प्रदेश के तीनों बड़े क्षेत्रों में मतदान हो चुका है। अब मालवा-निमाड़ में ही संघर्ष बचा है। यहां की 8 सीटों के लिए 19 मई को वोट डाले जाएंगे। इनमें इंदौर सीट भी शामिल है।
जिला कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव बताते हैं, स्वच्छता में जिस तरह लोगांे ने संकल्प ले कर काम किया। उसी को देखते हुए प्रशासन ने भी सर्वाधिक मतदान का रेकॉर्ड बनाने का लक्ष्य तय किया है। यह अच्छी बात है, हमारे सामने लक्ष्य है। इसके लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। लोगों को प्रेरित करने के लिए आठ श्रेणी के मतदाता बना कर काम किया जा रहा हैं। राक शो, फेसबुक के माध्यम से हर मतदाता के पास पहुंचा जा रहा हैं। सबसे बड़ा प्रयास तो पिछले विधानसभा और लोकसभा में कम मतदान वाले क्षेत्रों को फोकस कर वहां के नागरिकों को वोट का अधिकार बता रहे हैं। रहवासी संघों के माध्यम से प्रयास हो रहे हैं। बुजुर्गों और महिलाओं के लिए विशेष योजना बना कर काम किया जा रहा हैं।
छह चरणों की स्थिति
चरण राज्य सीटें मतदान प्रति. सर्वाधिक मतदान
पहला 20 91 86.5 प्रति राजामुंदरी आंध्र प्रदेश
दूसरा 13 97 86.4प्रति जलपाईगुरी पं बंगाल
तीसरा 14 115 90.6 प्रति धुबरी असम
चौथा 9 71 85.7 प्रति बोलुपर पं बंगाल
पांचवां 7 51 77.5 प्रति उलबेडि़या पं बंगाल
छठा 7 59 81.9 प्रति विष्णुपुर पं बंगाल
प्रदेश में टॉप फाइव
छिंदवाड़ा 82.1 प्रतिशत
बैतूल 78.2 प्रतिशत
मंडला 77.6 प्रतिशत
बालाघाट 77.3 प्रतिशत
शहडोल 74.5 प्रतिशत इंदौर की स्थिति
लोकसभा 2014 में मतदान 62 प्रतिशत,
विधानसभा 2018 में मतदान 71.8 प्रतिशत