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इंदौर

मेहनतकशों का दिन…खून में तेरे मिट्टी…मिट्टी में तेरा खून

सडक़ से लेकर घर निर्माण तक हर काम में शामिल है इनका पसीना, सरकार का तोफा अब 200 रुपए में बिजली व रहने के लिए मिलेगा घर

इंदौरMay 01, 2018 / 10:59 am

Uttam Rathore

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उत्तम राठौर
इंदौर. दिनभर हाड़तोड़ मेहनत करने वालों को कुछ लोग हिकारत की नजर से देखते हंै, लेकिन असल मायने में हम सबके जीवन में इनका किरदार अहम् है। ये न हों तो घर की ईंटें नहीं जुड़ेंगीं, ये न हों तो पानी की लाइन नहीं डलेगी, पक्की सडक़ नहीं बनेगी और अगर खेतों में मजदूरी करना बंद कर दें तो अनाज तक के लाले पड़ जाएंगे। इतने अहम् होने के बाद भी मजदूर दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करते रहते हैं, लेकिन कुछ मेहनत करके मिसाल भी बन गए हैं। मजदूर दिवस के मौके पर जानिए ऐसे ही मजदूरों के बारे में और ये भी कि सरकारी योजनाओं के तहत मजदूरों को क्या लाभ मिल सकते हैं।
मजदूरी करने वाले असंगठित श्रमिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए पंजीयन किया गया है। इंदौर शहर और जिले में मिलाकर करीब 5 लाख 75 हजार का पंजीयन हुआ। इसमें इंदौर शहर के करीब 3 लाख 6 हजार और जिले के लगभग 2 लाख 70 हजार मजदूर हैं। इन्हें 200 रुपए प्रति माह में बिजली मिलेगी, मकान सहित अन्य कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा। जिन लोगों का पंजीयन हुआ है, उनके कार्ड बनाए जा रहे हैं। निगम शहरी गरीब उपशमन प्रकोष्ठ के अनुसार इंदौर में 5 लाख 75 हजार असंगठित श्रमिकों का पंजीयन 1 से 15 अप्रैल के बीच नगर निगम द्वारा अभियान चलाकर किया गया, वहीं पंजीकृत संगठित श्रमिकों की संख्या करीब 2 लाख है। इस तरह 7 लाख 75 हजार का पंजीयन किया गया है।
उत्थान की कवायद
जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत असंगठित श्रमिकों को कई लाभ मिलेंगे, ताकि उनका उत्थान हो सके। श्रमिकों की बेहतरी और आर्थिक विकास के साथ सामाजिक बेहतरी, बच्चों को बेहतर शिक्षा व अन्य सुविधाएं देने के लिए पंजीयन किया गया है।
इनका हुआ पंजीयन
कृषि मजदूर, लघु कृषक, घरेलू श्रमिक, फेरी लगाने वाले, दुग्ध श्रमिक, मछली पालन श्रमिक, पत्थर तोडने वाले, पक्की ईंटें बनाने वाले, गोदामो में काम करने वाले, मोटर परिवहन आदि।
ऐसे मिलेगा लाभ
– 200 रु. मासिक पर बिजली मिलेगी।
– गर्भवती महिला को 4 हजार रुपए।
प्रसव होने पर साढ़े 12 हजार रुपए।
– घर के मुखिया की सामान्य मौत पर परिवार को 2 लाख रुपए और दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए की सहायता परिवार को मिलेगी।
– भूमिहीन मजदूर को जमीन या मकान।
– स्वरोजगार के लिए ऋण मिलेगा।
– साइकिल रिक्शा चलाने वाले को इ-रिक्शा और हाथ ठेला चलाने वाले को इ-लोडर का मालिक बनाया जाएगा।
– बैंक ऋण की सुविधा 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के साथ 30 हजार की सब्सिडी।
कब से मना रहे
– अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1 मई 1886 को हुई थी शुरुआत
– भारत में 1 मई 1923 को मद्रास में शुरुआत, तब मद्रास दिवस के रूप में मनाते थे
इंदौर शहर और जिले में जितने भी असंगठित और संगठित मजदूरों का पंजीयन हुआ है, उन्हें हर सरकारी सुविधा का लाभ मिलेगा। पंजीकृत मजदूरों को मिलने वाले सरकारी लाभ में कहीं कोई लापरवाही और कोताही न हो, इसके लिए संबंधित अफसरों को निर्देशित किया गया है। साथ ही मॉनिटरिंग भी की जाएगी।
– मालिनी गौड़, महापौर
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