ITA Awards में किरकिरी : अफसरों ने अपनों को बांटी ‘रेवड़ी’, टिकट खरीदने वाले लोग बोले- हम तो ठगा गए
इंदौर. मध्यप्रदेश इंडियन टेलीविजन अवॉर्ड 2019 का आयोजन कल इंदौर के नेहरू स्टेडियम में हुआ। प्रदेश सरकार ने इसकी मेजबानी की ताकि प्रदेश का नाम देश-दुनिया में हो, लेकिन जनसंपर्क विभाग के स्थानीय अफसरों की लापरवाही ने जमकर किरकिरी करवा दी। चहेतों को वीवीआईपी पास बांट दिए, जिससे व्यवस्था बिगड़ गई। खास बात रही कि प्लेटिनम और गोल्ड कैटेगरी के पास अधिकारियों ने अपने परिवार के लोगों, मित्रों और अन्य को थमा दिए, जिससे कई लोगों को यहां बैठने के लिए कुर्सियां तक नहीं मिली और वे खड़े रहे। इस दौरान विवाद भी होते रहे, लेकिन न आयोजक इसके लिए आगे आए न जिला प्रशासन के अधिकारी व्यवस्था कर पाए।
अवॉर्ड समारोह के लिए एक माह से नेहरू स्टेडियम में तैयारियां चल रही थीं। सरकार ने भी आयोजकों को कई सुविधाएं मुहैया करवाईं। इसके प्रबंधन की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन के पास आई। संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी खुद इसकी व्यवस्थाओं के लिए कई बैठक कर चुके थे तो कलेक्टर लोकेश जाटव ने अधिकारियों की ड्यूटी लगाई ताकि कार्यक्रम बेहतर हो सके, लेकिन जनसंपर्क विभाग के अफसरों ने कार्यक्रम बिगाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी।
must read : शहर के चौराहे तक घूमने निकले दो दोस्त, मूड हुआ तो साइकिल से पहुंच गए नेपाल-भूटान, सेना ने समझ लिया आतंकी उन्होंने कई वीवीआईपी पास अपने उन चहेतों को बांट दिए, जिनका कार्यक्रम से कोई लेना-देना नहीं था। ऐसे में जो लोग टिकट खरीदकर कार्यक्रम देखने पहुंचे, उन्हें कुर्सियां नहीं मिलीं। ऐसे में वहां विवाद होते रहे। इन विवादों को भी सुलझाने के लिए कोई अफसर सामने नहीं आए, सिर्फ सुरक्षा के लिए लगी पुलिस ही समझाइश देती रही। जनसंपर्क विभाग के स्थानीय उपसंचालक आरआर पटेल, लेखा विभाग के श्रीकांत सहित अन्य अधिकारियों के पास यह जिम्मेदारी थी।
हमारे साथ धोखा हुआ… दिगंबर जैन सोशल ग्रुप के अध्यक्ष अशोक जैन 200 लोगों को लेकर पहुंचे थे। बोले-हमने 500 रुपए वाले 200 पास खरीदे, लेकिन जहां बैठाया, वहां से मंच तो दूर, स्क्रीन नहीं दिखी। आयोजकों ने व्यवस्था का कहा था, लेकिन यहां तो कुछ दिख ही नहीं रहा। ग्रुप के मनोज परमार ने बताया कि एक घंटे से हम आयोजकों के पीछे घूम रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। हमारे साथ धोखा किया गया है।
खूब नारेबाजी, हंगामा जिला प्रशासन, पुलिस अफसरों की ड्यूटी कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई थी ताकि व्यवस्था न बिगड़े, लेकिन दो घंटे तक यहां लोग हंगामा करते रहे। आयोजकों के खिलाफ नारे लगाते रहे, लेकिन कोई अधिकारी उठकर नहीं आया। जिन अधिकारियों को व्यवस्था संभालनी थी, वे परिवार के साथ कार्यक्रम का आनंद लेते रहे। आयोजकों ने किसी की समस्या नहीं सुनी। कई लोग वहां से चले गए।
must read : इंदौर में ITA Awards, कॉमेडी सीरियल में ‘भाभीजी घर पर हैं और रियलिटी शो में ‘केबीसी’ ने मारी बाजीअधिकारियों को मिल गई जिम्मेदारी दरअसल आयोजकों ने पहले अलग कंपनी को इसका जिम्मा दिया था, लेकिन प्रदेश सरकार के समन्वय से कार्यक्रम के आयोजन के चलते पास बांटने की जिम्मेदारी जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों को मिल गई। पटेल और श्रीकांत ने इसके चलते जमकर भेदभाव किया। कई रिपोर्टर जो कार्यक्रम कवरेज के लिए पहुंचे, उन्हें गोल्ड कैटेगरी के पास दे दिए तो जो अपने खास लोग थे, उन्हें प्लेटिनम पास दे आगे बैठा दिया।
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