अब प्रशासन इस पोर्टल पर संस्थाओं से फीस, कापी पुस्तक और यूनिफार्म आदि की जानकारी भी ले रहा है। इस संबंध में एडीएम ने जिला पंचायत सीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी और पोर्टल के विशेषज्ञ के साथ चर्चा कर योजना भी तैयार की है।
इस पोर्टल पर अब तक लगभग 250 स्कूल पंजीयन करा चुके हैं। स्कूलों ने बसों की जानकारी भी अपलोड कर दी है। अब सभी स्कूलों से ड्रेस से संबंधित जानकारी एकत्रित कराई जाएगी। स्कूल को अपनी ड्रेस का फोटो भी अपलोड करना होगा। स्कूलों को यह भी बताना होगा कि कौन सी किताबें जारी की हैं।
सभी को इनकी कीमत की भी जानकारी देना होगी। साथ ही स्कूलों को पोर्टल पर फीस की जानकारी भी रखनी होगी। फीस बढ़ाते हैं तो उन्हे उसका पूरा ब्योरा देना होगा। 10 फीसदी से अधिक फीस नहीं बढ़ाई जा सकेगी।इतना ही नहीं इस पोर्टल की मदद से पालक स्कूलों की फीस की जानकारी लेकर बच्चों के लिए स्कूलों का भी चयन कर सकेंगे।
&पोर्टल पर स्कूलों को अपनी जानकारी अपलोड करना होगी। जानकारी अपलोड होने के बाद प्रशासन उन पर लगातार नजर रखेगा। पोर्टल पर लोग अपनी शिकायत भी दर्ज करा पाएंगे।
कैलाश वानखेड़े, एडीएम छात्रसंघ पदाधिकारियों ने की नारेबाजी डी.लिट में घिरे कुलपति, नहीं दे पाए कोई जवाब
इंदौर. दीक्षांत समारोह में दी गई एकमात्र डी.लिट की उपाधि देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। अधिसूचना के विपरित उपाधि देने के मामले में मंगलवार को एबीवीपी व छात्रसंघ ने कुलपति को ही घेर दिया।
यूटीडी छात्रसंघ अध्यक्ष दक्षिता गढ़वाल, एबीवीपी के शुभेंद्र सिंह गौड़, सन्नी सोनी सहित बड़ी संख्या में छात्र व कार्यकर्ता कुलपति प्रो. नरेंद्र धाकड़ के पास आपत्ति दर्ज कराने पहुंचे थे। बीते दिनों छात्र नेताओं द्वारा की गई तोडफ़ोड़ के मद्देनजर सुरक्षाकर्मियों ने छात्रसंघ व एबीवीपी पदाधिकारियों को देख चैनल गैट पर ताले लगा दिए। करीब 15 मिनट तक कार्यकर्ता बाहर ही हंगामा करते रहे।
कुछ देर बाद कुलपति ही उनसे मिलने नीचे आए। गौड़ ने सवाल किया, ममता रायकवार को कुलाधिपति से सम्मानित कैसे कराया गया? कुलपति ने इसे अपना अधिकार बताया तो छात्रसंघ अध्यक्ष दक्षिता ने पूछा, क्या राजभवन को जानकारी दी गई थी कि डी.लिट हासिल करने वाली उम्मीदवार का दीक्षांत के सत्र से कोई लेना-देना नहीं है। इस सवाल का कुलपति जवाब नहीं दे पाए और ज्ञापन सौंपकर जाने को कह दिया।