21 अक्टूबर को झाबुआ विधानसभा में उप चुनाव होने जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं ने क्षेत्र में डेरा डाल रखा है। देखा जाए तो बड़ी तादाद भाजपाइयों की है। चुनाव को लेकर प्रदेश अध्यक्ष राकेशसिंह खासी दिलचस्पी ले रहे हैं।
उन्हें मालूम है कि दो दिन बाद चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा और सारे बाहरी नेताओं को रवाना करना पड़ेगा। ऐसे में अंतिम दो दिनों में पार्टी मजबूती से कैसे खड़ी हो, इसको लेकर सिंह ने मैनेजमेंट करना शुरू कर दिया है।
कल रात २ बजे तक सिंह, संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा, कृष्णमुरारी मोघे और विधायक रमेश मेंदोला ने सेक्टर प्रभारियों की वन टू वन बैठक ली। पूरा फोकस फालियों पर किया गया। बताते हैं कि कौन-कौन से स्थानीय कार्यकर्ता कहां तैनात रहेंगे, जो अपने पक्ष के मतदाताओं को निकालने के साथ में हर परिस्थिति से निपटने के लिए भी तैयार होंगे।
स्थानीय संगठन के साथ में प्रत्याशी भानू भूरिया की निजी टीम को भी चुन-चुन कर ऐसी जगह लगाया जा रहा है, जहां पर गड़बड़ होने की आशंका अधिक है। पार्टी का पूरा प्रयास होगा कि किसी भी गड़बड़ी को रोका जा सके। माना जा रहा है कि जो गलती लोकसभा के उप चुनाव में हुई थी, उनमें खासा सुधार किया गया। स्थानीय कार्यकर्ताओं को फ्री हैंड भी दिया गया, ताकि वे दमदारी से खड़े हो सकें।
दिग्गी की बात पकड़ी
गौरतलब है कि कल पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह की सभा थी, जिसमें निगरानी रखने के लिए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जेपी मूलंचदानी ने कार्यकर्ता लगा रखे थे। भाषण के दौरान सिंह की उस क्लिप को तैयार कर लिया, जिसमें वे बोल रहे थे कि भूरिया का ये आखिरी चुनाव है, उन्हें जिताया जाए। इसको चलाकर ये बताया जा रहा है कि आखिरी चुनाव है तो युवा (भानू भूरिया) के भविष्य को खराब किया जाए। इतने सालों में कांग्रेस प्रत्याशी ने क्षेत्र का क्या भला किया। ये सवाल भी किए जा रहे हैं।
शिवराज की डिमांड, फिर दो दिन
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की उन सेक्टर प्रभारी व स्थानीय कार्यकर्ताओं ने फिर डिमांड की है, जहां पर सभा नहीं हो सकी है। इसके चलते १८ और १९ अक्टूबर की शाम ५ बजे तक वे फिर दौरे पर रहेंगे। दस सेक्टरों में सभा रखी है। उनके अलावा कल केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, विनय सहस्त्रबुद्धे, सत्यनारायण जटिया और मनोहर ऊंटवाल की भी सभाएं हुईं।