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इंदौर

संदिग्ध व सामान्य मरीजों की एक लाइन से संक्रमण का खतरा!

जिला अस्पताल में लापरवाही : जो कर रहे जागरूक वे ही तोड़ रहे कोरोना प्रोटोकाल के नियम

इंदौरAug 03, 2021 / 07:57 pm

रमेश वैद्य

संदिग्ध व सामान्य मरीजों की एक लाइन से संक्रमण का खतरा!
इंदौर. कोरोना की दूसरी लहर में मचे हाहाकार के बाद तीसरी लहर का अंदेशा सामने है। वहीं, दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही लापरवाही बरती जा रही है।
सामान्य मरीजों की लाइन में कोरोना संदिग्ध मरीजों को खड़ा किया जा रहा है। भीड़ में एक-दूसरे से सटकर दोनों तरह के मरीज खड़े होने से संक्रमण का खतरा हो सकता है। यह सब कुछ जिला अस्पताल में हो रहा है। दरअसल, अस्पताल के नए भवन का निर्माण हो रहा है। पीछे के भवन में सामान्य ओपीडी, दवा-पर्ची काउंटर संचालित हो रहा है। इसके बीच में ही फीवर क्लिनिक चल रहा है, जहां पर कोरोना की आरटीपीसीआर-रैपिड टेस्ट भी किया जा रहा है। जहां, फीवर क्लिनिक है। इससे सटकर ही सामान्य ओपीडी, दवा-पर्ची के काउंटर है। यहीं पर लापरवाही बरती जा रही है। फीवर क्लिनिक में सबसे ज्यादा लोग कोरोना टेस्ट के लिए ही आ रहे हैं। उन्हें पर्ची बनवाने का कहा जा रहा है, हालांकि पर्ची जीरो शुल्क की होती है। पर्ची बनवाने के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। जिला अस्पताल में सामान्य मरीजों की लाइन में ही कोरोना संदिग्ध पर्ची बनाने के लिए खड़े किए जा रहे हैं। अस्पताल में सुबह से लेकर दोपहर तक मरीजों की भीड़ रहती है। एेसे में दोनों तरह के मरीज एक साथ खड़े करना विभाग के अफसरों की लापरवाही को दर्शाता है।
रिकॉर्ड के नाम पर बनवा रहे पर्ची
सैंपल लेने के बाद ऐप के माध्यम से एंट्री हो जाती है। इसके अलावा रजिस्टर में भी एंट्री की जाती है। एेसे में पर्ची बनाने का औचित्य नहीं है। अधिकारी रिकॉर्ड में रखने के लिए पर्ची जरूरी बता रहे हैं। वहीं दूसरी ओर जब टीम घर-संस्थान जाकर सैंपल लेती है तो पर्ची नहीं काटी जाती है। रजिस्टर और ऐप में एंट्री करते हैं। टेस्टिंग में दो तरह की प्रक्रिया समझ से परे हैं। अगर पर्ची जरूरी भी है तो अलग काउंटर किया जा सकता है, लेकिन एेसा नहीं हो रहा है।
निर्देश दे रखें हैं
पर्ची डाट एकत्रित करने के लिए बनाई जाती है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन सभी को करना है। इसके निर्देश दे रखें हैं। अगर कही नहीं हो रहा है तो दिखवाते हैं।
-डॉ अमित मालाकार, कोविड नोडल अधिकारी

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