VIDEO : समय से 15 मिनट पहले ही इंदौर आ गई काशी-महाकाल एक्सप्रेस, ढोल-ढमाके के साथ रवाना हुए 400 यात्री
इंदौर. देश की पहली निजी ओवर नाइट ट्रेन काशी-महाकाल एक्सप्रेस आज विधिवत् रूप से रवाना हुई। इस ट्रेन के पहले सफर पर इंदौर-उज्जैन से 400 से अधिक यात्री रवाना हुए हैं। सुबह 10.55 बजे ट्रेन को समय पर जनप्रतिनिधि और आईआरसीटीसी के अफसरों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बनारस से रवाना हुई काशी महाकाल एक्सप्रेस आज अपने तय समय 9.40 बजे से पहले ही 9.25 बजे इंदौर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म-५ पर पहुंच गई। यहां पर आईआरसीटीसी के अफसरों ने स्वागत किया। यह ट्रेन प्रायवेट है, इसलिए इसमें आरपीएफ बल को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है। इसके साथ ही टीसी भी निजी रखे गए हैं। सुबह 10.55 बजे सांसद शंकर लालवानी और आईआरसीटीसी के अफसरों ने हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। इस ट्रेन के स्वागत के लिए प्लेटफॉर्म पर ही स्टेज भी लगाया गया था। ट्रेन आने से पहले ही आरपीएफ के विशेष सुरक्षा बल पूरे प्लेटफॉर्म की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। डॉग स्क्वाडिंग की गई।
निजीकरण का किया विरोध इस निजी ट्रेन को लेकर वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाइज यूनियन ने प्लेटफॉर्म ५ पर विरोध किया। यूनियन के मंडल अध्यक्ष एसएस शर्मा ने बताया कि ट्रेन और ट्रेन की पटरियां हमारी हैं और प्रायवेट रूप से ट्रेन चलाकर कमाई की जा रही है। जबकि रेल की पटरी और ट्रेन जनता के टैक्स की कमाई से बनाई जाती है। इसी को लेकर हमने विरोध किया है।
बदला शिव का स्थान ट्रेन में अब महाकाल की सीट बदल गई है। एसी कोच की बजाय अब महाकाल को पैंट्री कार में स्थापित किया है। 16 फरवरी को महाकाल एक्सप्रेस की शुरुआत की गई थी। जिसमें भगवान शिव के लिए भी एक सीट आरक्षित करते हुए बाकायदा मंदिर बनाया गया था, लेकिन विवाद होने पर अब सीट बदल दी गई है। दरअसल ट्रेन की एक बर्थ शिव के नाम रिजर्व कर देने की खबर वायरल होने के बाद आईआरसीटीसी ने सीट रिजर्व ना करने और पहले दिन पूजा की बात कही थी। इसके बाद शिव के मंदिर को परमानेंट ट्रेन के पैंट्री कार में शिफ्ट कर दिया गया है।
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