कर्ज माफी और फसलों के उचित मूल्य को लेकर किसान यूनियन और भारतीय किसान एवं मजदूर संघ ने 1 जून से किसान आंदोलन का आव्हान किया था, जिसका आज दूसरा दिन है। आज भी उसका कोई असर दिखाई नहीं दिया। प्रदेश की सबसे बड़ी चोइथराम मंडी में रोज से अधिक मात्रा में सब्जी की गाडिय़ां पहुंचीं।
अलसुबह ४ बजे से आने जाने का सिलसिला शुरू हो गया था। रोज की तरह मंडी में नीलामी हुई और खेरची व्यापारियों व ठेले वाले माल लेकर निकले। इसी प्रकार शहर की अन्य मंडियों में भी किसान माल लेकर पहुंचा और व्यापार हुआ। हालत ये हैं कि मंडी में सब्जियों की आवक इतनी हो गई कि कम कीमत पर बिक रही थीं। हालांकि खेरची व्यापारी ऊंचा मुनाफा कमाकर बेच रहे हैं।
इधर, दूध उत्पादक व व्यापारियों की गाडिय़ों की हलचल भी ५ बजे से शुरू हो गई थी, जो शहर के विभिन्न स्थानों पर बनी डेरियों पर पहुंचीं। इधर, कल शांति थी इसके बावजूद जिला प्रशासन व पुलिस की टीम मुस्तैद रही। सुबह ५.३० बजे से एडीएम अजयदेव शर्मा सक्रिय हो गए थे। चोइथराम सब्जी मंडी के अलावा भी अन्य मंडियों में दौरा किया। वे सभी एसडीएम से संपर्क कर स्थिति का पता लगा रहे थे। हालांकि कहीं भी आंदोलन से संबंधित घटना की जानकारी नहीं लगी।
कांग्रेस की गतिविधियों पर पैनी नजर किसान आंदोलन का आव्हान करने वाले संगठनों की बात को ग्रामीण क्षेत्र में तबज्जो नहीं मिली है, जिससे आंदोलन फ्लाप साबित हुआ। प्रशासन को सिर्फ कांग्रेस की चिंता सता रही है, जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्र में उनके नेताओं की पूरी गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष
राहुल गांधी की सभा को लेकर होने वाली बैठकों में भी खुफिया विभाग की टीम पहुंच रही है, जो रिकार्डिंग देने के अलावा रिपोर्टिंग भी कर रही है। उन्हें साफ निर्देश हैं कि जरा भी गड़बड़ होती हुई दिखाई दे तो तुरंत सूचना दें, ताकि हरकती का इलाज किया जा सके।