जेल से छूटने से पहले सीखो गांधीगीरी
रिहाई से तीन दिन तक महात्मा गांधी की किताबें पढ़ेंगे कैदी, उनके जीवन के बारे में जानेंगे
जेल से छूटने से पहले सीखो गांधीगीरी
मनीष यादव @ इंदौर
फिल्म लगे रहो मुन्ना भाई में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी किताबें पढऩे के बाद नायक जिस तरह से गांधीगीरी करता है। उसी तरह की एक शुरुआत जेल विभाग ने भी की है। रिहाई से पहले कैदियों को गांधीगीरी सिखाई जा रही है। उन्हेंं तीन दिन तक गांधीजी के चरित्र-सिद्धांतों के बारे में पढऩा है और उनके बारे में ही सुनना है।
जेल अधीक्षक राकेश भांगरे ने बताया कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती पर कैदियों की रिहाई की जाती है। छोटी सजा वाले कैदी जिनका व्यवहार ठीकठाक होता है और जिनके बारे में किसी भी प्रकार की शिकायतें नहीं हैं, उन्हें सजा में छूट देकर रिहा किया जाता है। इस बार रिहाई तो की जा रही है, लेकिन 2 अक्टूबर के बदले 5 अक्टूबर को इन्हें जेल से छोड़ा जाएगा। तीन दिन उन्हें जेल में बिताने हैं, लेकिन अलग तरीके से। उन्हें जेल में रहते हुए गांधीजी के चरित्र के बारे में पढऩा है। उन्हें किताबें दी गईं हैं, जिसमें गांधीजी के जीवन के संस्मरण हैं। इसके अलावा कल्याण अधिकारी अभिषेक दांगी और एक शिक्षक की ड्यूटी लगाई है कि उनकी काउसलिंग करे और गांधीजी के बारे में जितना हो सके, उन्हें बताया जाए। खाली वक्त में गांधीजी के बारे में पढऩे के लिए प्रेरित करें। इसके पीछे उद्देश्य है कि कैदी गांधीजी के चरित्र को जीवन में अपनाएं। वे सत्य-अहिंसा के रास्ते पर चलें। कुछ बातें भी उन्होंने आत्मसात कर ली तो आगे अपराध नहीं करेंगे।
दो कैदी होंगे रिहा
सेंट्रल जेल में बंद कुलदीप पिता तेजू और शेख ईदू पिता शेख सुक्का दोनों को गांधी जयंती की माफी मिली है। इनकी 5 अक्टूबर को रिहाई होना है। दोनों को ही सात साल की सजा हुई है। उन्हें रिहा तो किया जा रहा है, लेकिन वे तीन दिन केवल गांधीजी के चरित्र के बारे में जानने में बिताएंगे। जेल अफसर भी उन पर नजर रख रहे हैं कि वह इस काम के अलावा कुछ नहीं करें। उन्होंने एक दिन में क्या पढ़ा है, इस बारे में पूछा भी जा रहा है।
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