बीते मंगलवार को तेंदुए ने मनावर मार्ग पर भेरुघाट जंगल के खेत में खेल रही ग्राम कड़दा की दो साल की मासूम बालिका पर हमला किया था। उस दौरान परिवार के लोग भी खेत में ही थे। हमले के बाद उन्होंने जैसे-तैसे बालिका को छुड़ाया। लेकिन, तब तक बालिका गंभीर रूप से घायल हो गई। उसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई। तेंदुए के हमले की जानकारी लगते ही वन विभाग का अमला उसकी तलाश में जुट गया था। रालामंडल की रेस्क्यू टीम के राजाराम कल्याणे, शेरसिंह कटारा, प्रकाश बोके व अन्य ने लगातार निगरानी रखी। पांच जगह पिंजरे में बकरी-मुर्गे बांधकर तेंदुआ पकडऩे की कोशिश की गई इसके साथ ही जगह-जगह नाइट विजन कैमरे से भी निगरानी रखी गई। तेंदुआ कई बार कैमरे में नजर आया मगर पकड़ में नहीं आ सका। आखिरकार शनिवार शाम को वह एक पिंजरे में कैद हो गया।
स्वास्थ्य परीक्षण के बाद किया आजाद
चिडिय़ाघर प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया, शनिवार देर रात को साढ़े चार वर्षीय मादा तेंदुआ को चिडिय़ाघर लाया गया था। रविवार सुबह 10 बजे उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। तेंदुए के शरीर पर कोई चोट नहीं थी। पूर्ण रूप से स्वस्थ पाए जाने पर वन विभाग की टीम दोपहर करीब दो बजे उसे ले गई। शाम तक उसे जंगल में छोड़ दिया गया।