scriptनियमों की गली से 500 करोड़ के मुनाफे का खेल | Liquor contractor shooting case in indore | Patrika News
इंदौर

नियमों की गली से 500 करोड़ के मुनाफे का खेल

शराब कारोबार में वर्चस्व की जंग

इंदौरJul 21, 2021 / 09:51 pm

प्रमोद मिश्रा

नियमों की गली से 500 करोड़ के मुनाफे का खेल

नियमों की गली से 500 करोड़ के मुनाफे का खेल

इंदौर. इंदौर के शराब कारोबार से छोटे ठेकेदारों को किनारा कर उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के बड़े खिलाडिय़ों ने सिंडिकेट बना लिया है। शराब ठेकेदार अर्जुन ठाकुर को गोली मारने के पीछे वर्चस्व की जंग नजर आ रही है। ये बड़े ठेकेदार प्रशासन, पुलिस और आबकारी विभाग को जेब में रख मनमानी कर रहे हैं। करीब 500 करोड़ के लालच में गैंगस्टर हावी हो रहे हैं, जो शराब दुकानों व अहातों पर कब्जा जमा रहे हैं। शराब ठेकेदारों में गोलीकांड ने कारोबार में चल रहे दो नंबर के काम की पोल खोल दी है। आसपास के जिलों के मुकाबले इंदौर में 30 प्रतिशत अधिक मूल्य पर शराब बेचकर 300 करोड़ का मुनाफा कमा रहे हैं। अंग्रेजी शराब की अवैध बिक्री से 200 करोड़ का फायदा अलग कमा रहे हैं।
देवास में शराब सस्ती होने से वहां से इंदौर लाकर बेची जाने लगी। ठेकेदारों को नुकसान हुआ तो उन्होंने आबकारी विभाग को देवास सीमा पर चौकीदारी में तैनात करवा दिया। आबकारी टीम 24 घंटे वाहनों की चेकिंग करती है। कोरोना काल में शराब का इंदौर जिले का ठेका 10 महीने के लिए 980 करोड़ में गया है। हर साल 12०० करोड़ की आय होती है जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है।
खुद का ब्रांड, खुद के रेट

सिंडिकेट खुद की शराब फैक्टरी भी चलाते हैं। अपने ब्रांड की बिक्री दुकानों से करते है, दूसरे ब्रांड नहीं रखते, वह भी मनमाने रेट पर। पूरे जिले की दुकानों पर सिंडिकेट का कब्जा है, इसलिए लोग ज्यादा रेट देने के लिए मजबूर हैं।
गैंगेस्टर और बदमाश उतर आए

एमएचपी (मिनिमम सेलिंग प्राइज) की जगह एमआरपी (मैक्सीमम रिटेल प्राइज) में शराब बेचने से करोड़ों के मुनाफे को देख गैंगस्टर शराब कारोबार में घुस रहे हैं। ठेकेदारों को धमकाकर प्रतिशत ले रहे हैं।
अर्जुन के पिता-चाचा का रहा है दबदबा

गोलीकांड में घायल कथित ठेकेदार अर्जुन के पिता वीरेंद्र ठाकुर व चाचा नागेंद्रसिंह का क्षेत्र में दबदबा रहा है। भाजपा मंत्री व विधायक के नजदीकी होने से वीरेंद्र शराब कारोबार में जुड़ा। दोनों के निधन के बाद बेटे मैदान में उतरे। ज्यादा मुनाफा होने से दूसरे नेताओं से जुड़े बदमाश उनका साम्राज्य हथियाने में लग गए।
दाम पर प्रशासन का हस्तक्षेप नहीं
रेट तय करना ठेकेदार का अधिकार है, हम हस्तक्षेप नहीं करते। देवास में रेट कम होने से तस्करी होती है इसलिए सीमा चेकिंग करते हैं। एक महीने में ही 20 चार पहिया वाहन पकड़े हैं। गोलीकांड में चिंटू ठाकुर, हेमू ठाकुर, अर्जुन ठाकुर के नाम आए हैं। इनके नाम शराब ठेके का लाइसेंस नहीं है, इसलिए विभागीय कार्रवाई का सवाल नहीं है।
– राजनारायण सोनी, सहायक आबकारी आयुक्त

अहाता संचालक का नहीं होता वेरिफिकेशन
जिले में 106 देशी व 67 अंग्रेजी शराब दुकानें हैं। सभी देशी शराब दुकानों में अहाते हैं, अंग्रेजी में कुछ में ही हैं। जहां अहाते स्वीकृत नहीं, वहां ठेकेदार अवैध संचालन कर रहे हैं। बदमाश अहाता चला रहे हैं, लेकिन आबकारी विभाग चेक नहीं करता। विभाग का कहना है, ठेकेदार ही अहाते चलाते हैं इसलिए वेरिफिकेशन नहीं किया जाता।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो