जीतने के लिए ऐसे नाम की तलाश की जा रही है, जो लोकल कांग्रेस नेताओं की पंसद होने के साथ दमदारी से चुनाव लड़े। ऐसे में अब सिंधिया और द्रविड़ का नाम चल पड़ा है। शहर में तकरीबन 3 लाख मराठी वोट और दोनों का इंदौर से नाता होने के चलते नाम पर विचार किया जा रहा है। सिंधिया की जहां कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ है, वहीं द्रविड़ का जन्म इंदौर में हुआ है। सबसे बड़ी बात दोनों का मराठी होना है। यहां से लगातार 8 बार जीतते आ रहीं सुमित्रा महाजन को मराठी वोटों का सबसे बड़ा सहारा रहता है। बताया जा रहा है कि द्रविड़ को लड़वाने को लेकर मराठी समाज की एक बैठक भी हुई है।
काका की राहुल के मामा से नजदिकियां
द्रविड़ को चुनाव लड़ाने की सुगबुगाहट के बीच महेश जोशी की नजदिकियां द्रविड़ के मामा से बढ़ गई हैं। दोनों के बीच लगातार मीटिंग हो रही है। महेश काका की सक्रियता को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। पिछले दिनों दिग्विजय सिंह के इंदौर आने पर दोनों ने चर्चा की वहीं जोशी उन्हें छोडऩे एयरपोर्ट भी गए थे।
सत्तन गुरू के घर पहुंची अर्चना
भाजपा के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन के घर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अर्चना जायसवाल पहुंची। कल यानी सोमवार को रगंपंचमी के दिन सत्तन के घर पहुंची अर्चना ने इंदौर से लोकसभा चुनाव लडऩे की इच्छा जाहिर करते हुए मदद मांगी। इस पर गुरू ने टिकट मिलने और जीत का आशीर्वाद दिया।