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इंदौर का ट्रैफिक हर रोज देता है 2 करोड़ 65 लाख का झटका

इंदौर की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक ट्रैफिक है, प्रति परिवार वाहनों की संख्या भी यहां अधिक है।

इंदौरSep 26, 2021 / 12:07 am

अभिषेक श्रीवास्तव

क्या कहते हैं ट्रैफिक एक्सपर्ट एसजीएसआईटीएस के पूर्व डॉयरेक्टर डॉ. ओपी भाटिया कहते हैं कि शहर का अपना ट्रैफिक डिपार्टमेंट होना चाहिए, जो इस समस्या की ओर ध्यान दे। ट्रैफिक व्यवस्था खराब होने के कई प्रमुख कारण हैं। इसमें सड़कों पर जंक्शन, इंटर सेक्शन, बेतरतीब पार्किंग की भूमिका अधिक है। कई स्थानों पर दुकानों को आगे बढ़ाना और अतिक्रमण कर गुमटी, ठेला लगाना भी समस्या का प्रमुख कारण है। उनका कहना है कि अगर हम समय से नहीं चेते तो शहर में ट्रैफिक की गति और धीमी हो जाएगी, इसके साथ ही ईधन का खपत भी बढ़ेगा, जो पर्यावरण के साथ ही आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाएगा।

इंदौर. इंदौर का ट्रैफिक कई स्तर पर लोगों को झटका दे रहा है। समय के साथ ही आमजन की जेब भी ढीली हो रही है। सड़कों का सुनियोजित जाल न होना और एमआर के न बनने से समस्या और बढ़ गई है। औसतन प्रतिदिन 2 करोड़ 65 लाख का अतिरिक्त ईंधन धुआ हो जा रहा है।


दरअसल, इंदौर की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक ट्रैफिक है। प्रति परिवार वाहनों की संख्या भी अधिक है। ट्रैफिक एक्सपर्ट डॉ. ओपी भाटिया की मानें तो 2025 तक प्रति परिवार तीन वाहन हो जाएंगे, जो समस्या को और बढ़ाएगा। वर्तमान में ही इंदौर की सड़कों के अनुपात में वाहनों की संख्या अधिक है। इसका नतीजा यह है कि शहर का ट्रैफिक रेंगता नजर आता है। यहां वाहनों की औसत गति 25 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जो फ्यूल का बजट बिगाड़ने का काम करता है। अच्छा माइलेज के लिए वाहन की गति 40 किमी के आसपास होनी चाहिए।

सड़कें और अतिक्रमण बड़ा कारण
इंदौर के खराब ट्रैफिक में सड़कें और अतिक्रमण बड़ा कारण है। जिस हिसाब से शहर में सड़कों का जाल होना चाहिए वह वर्षों बाद भी नहीं है। एमआर जैसे प्रोजक्ट सियासत और अफसरशाही की लेटलटीफी की भेंट चढ़ गए। इसके अलावा रही सही कसर खराब सड़कें पूरा कर दे रही हैं। बेतरतीब पार्किंग भी ट्रैफिक की राह रोक रही है। शहर के किसी भी कोने में चले जाइए वहां आपको सड़क पर ही वाहन पार्क मिलेंगे, जो गति को धीमा करते हैं।
क्या कहते हैं ट्रैफिक एक्सपर्ट
एसजीएसआईटीएस के पूर्व डॉयरेक्टर डॉ. ओपी भाटिया कहते हैं कि शहर का अपना ट्रैफिक डिपार्टमेंट होना चाहिए, जो इस समस्या की ओर ध्यान दे। ट्रैफिक व्यवस्था खराब होने के कई प्रमुख कारण हैं। इसमें सड़कों पर जंक्शन, इंटर सेक्शन, बेतरतीब पार्किंग की भूमिका अधिक है। कई स्थानों पर दुकानों को आगे बढ़ाना और अतिक्रमण कर गुमटी, ठेला लगाना भी समस्या का प्रमुख कारण है। उनका कहना है कि अगर हम समय से नहीं चेते तो शहर में ट्रैफिक की गति और धीमी हो जाएगी, इसके साथ ही ईधन का खपत भी बढ़ेगा, जो पर्यावरण के साथ ही आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाएगा।

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