चंद्रग्रहण पर तीन ग्रहों की युति, देश में आ सकती है प्राकृतिक आपदाएं, इन राशियों पर भी मुसीबत
इंदौर. इस बार चंद्र ग्रहण ( lunar eclipse ) और गुरु पूर्णिमा ( guru purnima ) पर्व 16 जुलाई को एक साथ होगा। पूर्णिमा पर यह लगातार दूसरे वर्ष चंद्र ग्रहण लग रहा है। इससे पहले 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर ही खग्रास चंद्र ग्रहण था। पहले इस ग्रहण की अवधि 3 घंटे 51 मिनट थी। इस बार 2.59 मिनट रहेगी। गुरु पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक साथ होने पर गुरु पूजा कार्यक्रम भी सूतक लगने से पहले तक ही होंगे। इसके चलते कई स्थानों पर दूसरे दिन गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी।
ग्रहों की युति, बिगड़ेगा मौसम का मिजाज इस बार आषाढ़ी पूर्णिमा 16 जुलाई को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग और धनु राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, धनु, मकर राशि में चंद्र ग्रहण होने से अतिवृष्टि के साथ कहीं-कहीं प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति बनेगी। ग्रहों की दृष्टि से देखें तो यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में चंद्र, केतु, शनि की त्रिग्रही युति के साथ हो रहा है। वहीं समसप्तक दृष्टि संबंध मिथुन राशि स्थित सूर्य, राहु, शुक्र की त्रिग्रही युति से बन रहा है। दोनों युतियों में चार ग्रह राहु-केतु से पीडि़त हैं। इसका असर प्राकृतिक, सामाजिक और राजनीतिक प्रभावों को दर्शाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेश शास्त्री ने बताया,आषाढ़ में मंगलवार को चंद्रग्रहण होने से बांध, तालाबों में पानी की आवक थोड़ी कम होगी। इसके साथ ही खंडवर्षा होने से धान्यादि का उत्पादन प्रभावित होगा।
ग्रहण का इन पर दिखेगा असर चंद्र ग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र व धनु राशि व मकर राशि में हो रहा है, अत: उत्तराषाढ़ा नक्षत्र व धनु राशि व मकर राशि में जन्मे व्यक्तियों के लिए विशेष कष्टकारक होगा। चंद्र ग्रहण का प्रभाव शासन की कार्यप्रणाली में परिवर्तन के रूप में दिखाई देगा। अधिकारियों में कार्य का परिवर्तन होगा। चंद्र ग्रहण की युति का मंगल बुध से षडाष्टक योग बनेगा। चंद्रमा की राशि कर्क में मंगल और बुध का गोचर वर्षा ऋतु के चक्र को प्रभावित करेगा। धनु राशि में ग्रहण होने के कारण इस राशि वाले विशेष रूप से प्रभावित होंगे।
शाम 4.31 बजे से शुरू होगा सूतक ज्योतिषाचार्य डॉ. रवि शर्मा के अनुसार यह ग्रहण पूरे भारत में खंडग्रास रूप में दिखाई देगा। सूतक शाम 4.31 बजे से शुरू हो जाएगा। ग्रहण मध्य रात्रि 1.31 बजे से शुरू होकर 17 जुलाई को तडक़े 4.30 मिनट पर खत्म होगा। करीब तीन घंटे तक आकाश में इस अद्भुत खगोलीय घटना का नजारा देखा जा सकेगा। रात 1.31 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा। रात 3.01 बजे ग्रहण का मध्य रहेगा। रात 4.30 बजे ग्रहण का मोक्ष होगा। कुल अवधि 2 घंटे 59 मिनट के आसपास होगी। अधिकतम ग्रास रात 3.01 बजे दिखाई देगा, 65 प्रतिशत चंद्रमा लालिमा युक्त रहेगा और 35 प्रतिशत चमकीला रहेगा।
इन देशों में दिखेगा चंद्र ग्रहण चंद्र ग्रहण भारत सहित दक्षिणी अमरीका, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप सहित एशिया महाद्वीप के अधिकतर देशों में और हिंद महासागर, अटलांटिक महासागर, पैसेफिक महासागर में दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण में सूतक काल में बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों को छोडक़र अन्य लोगों को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए, लेकिन विज्ञान इसे सही नहीं मानता।
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