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कलेक्टर मनीष सिंह से की मुलाकात
बता दें कि, उत्तर प्रदेश के आगरा में 5 अगस्त को हुए ‘स्टार लाइन मिस इंडिया कांटेस्ट’ आयोजित किया गया था।। इन सब प्रतियोगियों में वर्षा ही अकेली मूक बधिर प्रतियोगी थीं, अन्य सभी सामान्य थी। गुरुवार को वर्षा ने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह से मुलाकत करके उन्हें अपनी उपलब्धि के बारे में बताया। इसपर कलेक्टर मनीष सिंह ने न सिर्फ वर्षा की हौसला अफजाई की, बल्कि सामाजिक न्याय विभाग की और से हर संभव मदद करवाने का भी वादा किया।
कलेक्टर ने किया मदद का वादा
वहीं, वर्षा ने सांकेतिक भाषा में कलेक्टर को बताया कि, अब वो आगे ‘मिस यूनिवर्स’ की तैयारी करना चाहती है। वर्षा की साथी मानसी पटेल ने कहा कि, इससे पहले वर्षा मूक बधिर केटेगिरी में ‘मिस MP अवार्ड’ भी अपने नाम कर चुकी है। इसके बाद ही उन्होंने आगरा में आयोजित कांटेस्ट में भाग लेकर मिस इंडिया अवॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। वर्षा की इन उपलब्धियों को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने उसे भरोसा दिलाया कि ‘मिस यूनिवर्स’ कांटेस्ट की तैयारी में जो भी मूल जरूरतें आती हैं, उन्हें सामाजिक न्याय विभाग द्वारा पूरा कराने में मदद कराएंगे।
‘मिस यूनिवर्स’ के लिए आर्थिक मजबूत होने की जरूरत
आपको बता दें कि, वर्षा बीकॉम सेकंड ईयर की छात्रा है। उसे माता-पिता, छोटी बहन और चाचा भी मूक-बधिर हैं। परिवार पहले खंडवा रहता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से वो इंदौर में रहते हैं। कुछ साल पहले ही वर्षा के पिता की मौत हुई है। पिताजी का सपना था कि वह जिंदगी में बहुत अच्छा काम करें, इसके चलते वह इस दिशा में कदम बढ़ा रही है। साथ ही, वर्षा हमेशा से पढ़ाई में भी अव्वल रही हैं।
पिता की मौत के बाद आर्थिक संकट से जूझ रहा परिवार
वर्षा के अनुसार ‘मिस इंडिया अवार्ड’ की तैयारियों के दौरान उन्हें काफी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा था। इसके लिए उसे इंदौर और खंडवा जिला प्रशासन ने रेडक्रॉस के सहयोग से कुछ मदद की थी। इसके साथ ही कुछ समाजजनों ने सहयोग किया और इस तरह 60 हजार रुपये से ज्यादा खर्च हुए थे। वहीं, वर्षा के परिवार ने भी लोगों से अपील की है कि, ‘मिस यूनिवर्स’ की तैयारी के लिये, जो भी आर्थिक मदद हो सके करें।
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