इंदौर

प्यार हो तो ऐसा- मंगेतर को उम्र कैद पर युवती ने किया इंतजार, 13 साल बाद लेंगे सात फेरे

सजा को गलत ठहराते हुए कोर्ट ने युवक को बाइज्जत बरी किया
 

इंदौरJan 19, 2022 / 11:01 am

deepak deewan

इंदौर. दोनों की सगाई हुई पर शादी के पहले ही एक केस में युवक को सजा हो गई. युवक को अदालत ने आजीवन कारावास – उम्र कैद की सजा सुना दी थी और वह जेल में ही था पर मंगेतर अपने प्यार पर अडिग रही. उसने पूरे 13 साल तक इंतजार किया. अब युवक को उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया है तो दोनों अपने प्यार को साक्षी मानकर शादी का सपना पूरा करेंगे.

जीवन के 13 साल 4 माह जेल में काटने के बाद उज्जैन के संजय मेहर को हाईकोर्ट से न्याय मिल गया. उच्च न्यायालय ने निचली अदालत से मिली आजीवन कारावास की सजा को गलत ठहराते हुए युवक को बाइज्जत बरी कर दिया. जस्टिस विवेक रूसिया ओर सत्येंद्र कुमार सिंह की पीठ ने युवक के साथ ही दो अन्य आरोपी मनीष ओर सुभाष वाडिया को भी बरी किया.

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मेहर जब जेल गया था तो उसकी आयु 28 साल थी. संजय के वकील धर्मेंद्र चेलावत ने बताया कि दिसंबर 2006 में हुए हत्याकांड से तीन माह पहले उसकी सगाई हुई थी. जिस युवती से उसकी सगाई हुई, वह आज भी अपने मंगेतर का जेल से बाहर आने का इंतजार कर रही है. अब दोनों की शादी होगी.

2006 में उज्जैन के अशोक नगर में पान की दुकान पर राम उर्फ नीरज की हत्या हुई थी. इस मामले में पुलिस ने पहले संजय, मनीष और सुभाष को आरोपी बनाया. बाद में सात अन्य को भी आरोपी बनाया. 2008 में तीनों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई. बाकी आरोपियों को बरी कर दिया.

आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद 2008 से ही संजय जेल में है. अब हाइकोर्ट ने निचली अदालत के 2008 के आदेश को निरस्त कर दिया है. हत्याकांड के बाद पुलिस ने गवाहों के बयान तीन महीने बाद लिए थे जिससे जांच में संदेह हुआ. पांच प्रत्यक्षदर्शियों ने भी पुलिस की कहानी का अदालत में समर्थन नहीं किया था.

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