scriptग्रीन बेल्ट, आवास-सड़कों की जमीन बंटवारे के लिए अफसर-नेताओं के दांव-पेंच में अटका मास्टर प्लान | master plan held in if-but of politician and officers | Patrika News
इंदौर

ग्रीन बेल्ट, आवास-सड़कों की जमीन बंटवारे के लिए अफसर-नेताओं के दांव-पेंच में अटका मास्टर प्लान

– दो महीने में तीन बार डायरेक्टर कर गए दौरा,- मेट्रो के लिए महानगर घोषित हो चुके शहर की प्लानिंग का हाल

इंदौरMar 22, 2023 / 06:15 pm

संदीप परे

ग्रीन बेल्ट, आवास-सड़कों की जमीन बंटवारे के लिए अफसर-नेताओं के दांव-पेंच में अटका मास्टर प्लान

ग्रीन बेल्ट, आवास-सड़कों की जमीन बंटवारे के लिए अफसर-नेताओं के दांव-पेंच में अटका मास्टर प्लान

…………….

वास्तविक िस्थति: मास्टर प्लान-2035 में हो रही देरी, 2 साल में भी तैयार नहीं ड्राफ्ट प्लान
शहर पर असर: शहर के आसपास विकास प्रभावित, आवासीय के साथ अन्य प्लानिंग भी अधर में आश्चर्य: इंदौर की योजना को भोपाल में अफसर कर रहे तय
———–
इंदौर. मेट्रो के लिए कागजों पर इंदौर को महानगर बना दिया, लेकिन विकास योजना-2021 की अवधि समाप्त होने के दो साल बाद भी मास्टर प्लान-2035 का ड्राफ्ट प्लान तैयार नहीं हो सका है। ग्रीन बेल्ट, आवास और सड़कों की जमीन बंटवारे के लिए अफसरों और नेताओं के दांव-पेंच में मास्टर प्लान अटका है। वे शहर विकास का रूझान ही तय नहीं कर पा रहे हैं। मार्च में ड्राफ्ट प्लान प्रकाशित करने का आश्वासन देने वाले नगर व ग्राम निवेश विभाग के डायरेक्टर तीन बार इंदौर का दौरा कर चुके हैं। महापौर भी पत्र लिखकर बेतरतीब विकास की चिंता जता चुके हैं। बावजूद इसके न बेस प्लान को अंतिम रूप दिया गया और न ही ड्राफ्ट प्लान का प्रारूप आकार ले रहा है।
मास्टर प्लान लागू करने का मामला इन दिनों दो बातों को लेकर चर्चा में है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने हाल ही में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। दूसरी ओर फरवरी-मार्च में नगर व ग्राम निवेश विभाग के डायरेक्टर मुकेश गुप्ता तीन बार इंदौर के अलग-अलग क्षेत्रों का मुआयना कर गए हैं। गुप्ता पिछले दौरे पर सुपर कॉरिडोर, बायपास पर बिचौली हप्सी, बिचौली मर्दाना और उज्जैन रोड-एबी रोड का एरिया देखकर गए। इससे पहले उन्होंने राऊ-रंगवासा बेल्ट का मुआयना किया था। गुप्ता का बार-बार आना और महापौर के पत्र लिखकर आगाह करने पर अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। दूसरी ओर सांसद-विधायक व अफसरों का एक ही जवाब होता है कि भोपाल में अफसर-मंत्री इसे तय कर रहे हैं।
———
बेस प्लान नहीं बनने से विकास अवरूद्ध
पूर्व के मास्टर प्लान के अनुसार शहर में कितना विकास हुआ है? ग्रीन बेल्ट की िस्थति क्या है? भविष्य में शहर का विकास किस ओर जा रहा है? जैसे आधार पर भू उपयोग का आरक्षण कर बेस प्लान तैयार करते हैं। यह नहीं बनने से शहर का विकास अवरूद्ध हो रहा है। अनुमतियां जारी नहीं हो रही हैं।
———–
इन पर पेंच
ग्रीन बेल्ट: वर्तमान मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट पर अवैध कॉलोनियां बस गई हैं। इसका आकलन करने के बाद शहर में 4 से 6 फीसदी ही ग्रीन बेल्ट बचा है। इस ग्रीन बेल्ट को आवासीय घोषित करने के लिए नीति बनानी होगी। अगले मास्टर प्लान में ग्रीन एरिया ज्यादा छोड़ना होगा। यह तय नहीं होने से मुश्किल आ रही है।
रोड सर्कुलेशन: वर्तमान मास्टर प्लान में तय रोड नेटवर्क 41 फीसदी भी पूरा नहीं हुआ। पश्चिमी रिंग रोड, एमआर-2, 6 व 9 ग्रीन बेल्ट की भेंट चढ़ गया है। नए के लिए निवेश क्षेत्र तो घोषित कर दिया, लेकिन रोड नेटवर्क प्रस्तावित नहीं किए। इससे भविष्य में परेशानी आएगी।
———–
इन मामलों में जद्दोजहद
– बेस प्लान में ग्रीन बेल्ट से अन्य उपयोग का एप्रूवल।
– पूर्व के ग्रीन बेल्ट में बदलाव और भविष्य के लिए तय करना।
– निवेश क्षेत्र में जोड़े 79 गांवों में जमीन के उपयोग व नेटवर्क तय करना।
– एडजेसेंट एरिया की प्लानिंग और मर्जिंग।
– शहरी विकास विशेषज्ञ व स्थानीय लोगों की भागीदारी।
——–
– दो महीने में तीन बार डायरेक्टर कर गए दौरा,
– मेट्रो के लिए महानगर घोषित हो चुके शहर की प्लानिंग का हाल
——–
वास्तविक िस्थति: मास्टर प्लान-2035 में हो रही देरी, 2 साल में भी तैयार नहीं ड्राफ्ट प्लान
शहर पर असर: शहर के आसपास विकास प्रभावित, आवासीय के साथ अन्य प्लानिंग भी अधर में आश्चर्य: इंदौर की योजना को भोपाल में अफसर कर रहे तय
———–
इंदौर. मेट्रो के लिए कागजों पर इंदौर को महानगर बना दिया, लेकिन विकास योजना-2021 की अवधि समाप्त होने के दो साल बाद भी मास्टर प्लान-2035 का ड्राफ्ट प्लान तैयार नहीं हो सका है। ग्रीन बेल्ट, आवास और सड़कों की जमीन बंटवारे के लिए अफसरों और नेताओं के दांव-पेंच में मास्टर प्लान अटका है। वे शहर विकास का रूझान ही तय नहीं कर पा रहे हैं। मार्च में ड्राफ्ट प्लान प्रकाशित करने का आश्वासन देने वाले नगर व ग्राम निवेश विभाग के डायरेक्टर तीन बार इंदौर का दौरा कर चुके हैं। महापौर भी पत्र लिखकर बेतरतीब विकास की चिंता जता चुके हैं। बावजूद इसके न बेस प्लान को अंतिम रूप दिया गया और न ही ड्राफ्ट प्लान का प्रारूप आकार ले रहा है।
मास्टर प्लान लागू करने का मामला इन दिनों दो बातों को लेकर चर्चा में है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने हाल ही में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। दूसरी ओर फरवरी-मार्च में नगर व ग्राम निवेश विभाग के डायरेक्टर मुकेश गुप्ता तीन बार इंदौर के अलग-अलग क्षेत्रों का मुआयना कर गए हैं। गुप्ता पिछले दौरे पर सुपर कॉरिडोर, बायपास पर बिचौली हप्सी, बिचौली मर्दाना और उज्जैन रोड-एबी रोड का एरिया देखकर गए। इससे पहले उन्होंने राऊ-रंगवासा बेल्ट का मुआयना किया था। गुप्ता का बार-बार आना और महापौर के पत्र लिखकर आगाह करने पर अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। दूसरी ओर सांसद-विधायक व अफसरों का एक ही जवाब होता है कि भोपाल में अफसर-मंत्री इसे तय कर रहे हैं।
———
बेस प्लान नहीं बनने से विकास अवरूद्ध
पूर्व के मास्टर प्लान के अनुसार शहर में कितना विकास हुआ है? ग्रीन बेल्ट की िस्थति क्या है? भविष्य में शहर का विकास किस ओर जा रहा है? जैसे आधार पर भू उपयोग का आरक्षण कर बेस प्लान तैयार करते हैं। यह नहीं बनने से शहर का विकास अवरूद्ध हो रहा है। अनुमतियां जारी नहीं हो रही हैं।
असमंजस से बढ़ेगी उलझन
मास्टर प्लान विशेषज्ञ जयवंत होलकर का कहना है, बेस प्लान तैयार कर लेंगे तो विकास क्षेत्र तय हो जाएंगे। सड़कों का नेटवर्क प्रस्तावित कर दें, जिससे अनुमतियां नहीं ली जा सकें। बाद में वर्तमान की तरह कागजों पर ही सड़कें रह जाएंगी। जमीन पर आवासीय व अन्य निर्माण होने से विकास में दिक्कत आएगी।
———–
इन पर पेंच
ग्रीन बेल्ट: वर्तमान मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट पर अवैध कॉलोनियां बस गई हैं। इसका आकलन करने के बाद शहर में 4 से 6 फीसदी ही ग्रीन बेल्ट बचा है। इस ग्रीन बेल्ट को आवासीय घोषित करने के लिए नीति बनानी होगी। अगले मास्टर प्लान में ग्रीन एरिया ज्यादा छोड़ना होगा। यह तय नहीं होने से मुश्किल आ रही है।
रोड सर्कुलेशन: वर्तमान मास्टर प्लान में तय रोड नेटवर्क 41 फीसदी भी पूरा नहीं हुआ। पश्चिमी रिंग रोड, एमआर-2, 6 व 9 ग्रीन बेल्ट की भेंट चढ़ गया है। नए के लिए निवेश क्षेत्र तो घोषित कर दिया, लेकिन रोड नेटवर्क प्रस्तावित नहीं किए। इससे भविष्य में परेशानी आएगी।
———–
इन मामलों में जद्दोजहद
– बेस प्लान में ग्रीन बेल्ट से अन्य उपयोग का एप्रूवल।
– पूर्व के ग्रीन बेल्ट में बदलाव और भविष्य के लिए तय करना।
– निवेश क्षेत्र में जोड़े 79 गांवों में जमीन के उपयोग व नेटवर्क तय करना।
– एडजेसेंट एरिया की प्लानिंग और मर्जिंग।
– शहरी विकास विशेषज्ञ व स्थानीय लोगों की भागीदारी।
——–

Home / Indore / ग्रीन बेल्ट, आवास-सड़कों की जमीन बंटवारे के लिए अफसर-नेताओं के दांव-पेंच में अटका मास्टर प्लान

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो