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इंदौर

परिषद बैठक में हंगामा, विपक्ष और पक्ष बोला- निगम में भ्रष्टाचार, अफसर बेलगाम…शेम…शेम

परिषद बैठक में हंगामा, विपक्ष और पक्ष बोला- निगम में भ्रष्टाचार, अफसर बेलगाम…शेम…शेम

इंदौरFeb 01, 2019 / 02:21 pm

Uttam Rathore

parishad

परिषद बैठक में हंगामा, विपक्ष और पक्ष बोला- निगम में भ्रष्टाचार, अफसर बेलगाम…शेम…शेम

इंदौर. नगर निगम का साधारण सम्मेलन यानी परिषद की गुरुवार को ब्रिलियंट कन्वेशन सेंटर (बीसीसी) में ४ माह बाद रखी गई बैठक में जमकर हंगामा हुआ और भ्रष्टाचार-घोटाले का मुद्दा छाया रहा, वहीं पार्षदों के निशाने पर निगम के अफसर रहे। इस बार की बैठक में विपक्ष की नेता और कांग्रेस पार्षदों के साथ सत्ता पक्ष के एमआईसी मेंबर दिलीप शर्मा ने भी निगम में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंचने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम, कांग्रेस पार्षद अंसाफ अंसारी, अनवर दस्तक और सादिक खान ने न्यूज टुडे में प्रकाशित खबरों को लेकर प्रतियां सदन में लहराईं।
शर्मा ने निगम में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाकर अपनी ही पार्टी की परिषद को कठघरे में खड़ा कर दिया और महापौर मालिनी गौड़ के नेतृत्व पर सवालिया निशान लगाए। शर्मा के निगम में भ्रष्टाचार और अफसरों के बेलगाम होने की बात कहने पर विपक्ष की नेता फौजिया अलीम ने शेम…शेम… के नारे सदन में लगाए। कल परिषद की बैठक होने के एक दिन पहले निगम में भ्रष्टाचार और घोटालों की पोल खोलने सहित अफसरों के कारनामों को एमआईसी मेंबर शर्मा ने उजागर कर आयुक्त आशीष सिंह को पत्र जारी किया था। इस खबर को ‘न्यूज टुडे’ ने ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ उतरे एमआईसी मेंबर’ शीर्षक से प्रकाशित किया था। इसमें एमआईसी मेंबर शर्मा ने आयुक्त सिंह को ईमानदार बताते हुए कुछ अफसरों के कारण निगम के अनियमितताएं, भ्रष्टाचार और घोटालों का अड्डा बनने की बात कही थी। उन्होंने एआईसीटीएसएल में बस खरीदी, नक्शा मंजूरी में गड़बड़ी और स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों पर लगे विज्ञापन बोर्ड सहित अन्य कामों में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाकर जांच कराने का कहा। इन्हीं मुद्दों को लेकर परिषद की बैठक में जमकर हंगामा किया गया। हालांकि एमआईसी मेंबर शर्मा के निगम में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने के बाद से भाजपा में हलचल मच गई और शिकायत संगठन तक पहुंच गई है, क्योंकि शर्मा की हरकत से महापौर मालिनी गौड़ भी नाराज हैं।
अफसरों का भ्रष्टाचार चालू है…

एमआईसी मेंबर शर्मा ने शौचालयों पर लगे विज्ञापनों का प्रश्न उठाया। जवाब देने के लिए स्वास्थ्य समिति प्रभारी संतोष गौर खड़े हुए तो दिलीप बोले कि आपको जवाब देने के लिए किसने अधिकृत किया। विज्ञापन का मामला मेरे विभाग का है… जवाब अपर आयुक्त रोहन सक्सेना दें। ये अफसर तय करेंगे कि किसे ठेका देना है और किसे नहीं। एक कागज पर ठेका हो जाता है। न तो एमआईसी में प्रस्ताव आता और न ही परिषद की बैठक में… नीतिगत निर्णय इन बैठकों में क्यों नहीं आते हैं? अफसरों का भ्रष्टाचार चालू है। अगर ये नहीं करेंगे तो अपना घर कैसे भरेंगे। मेरे द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं, आप उनकी जांच करवा ल तों दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
गलत हुआ तो दे दूंगा इस्तीफा

एमआईसी मेंबर शर्मा ने कहा कि नक्शे की फीस नहीं भराई और नक्शा पास हो गया। मैंने शिकायत की तो अफसरों ने अपनी जेब से फीस भर दी। इससे ज्यादा भ्रष्टाचार क्या होगा और प्रभारी का ध्यान नहीं है। नक्शा विभाग में भ्रष्टाचार होने और अपनी कार्यशैली पर सवाल खड़े होने पर प्रभारी सुधीर देडग़े भडक़ गए। उन्होंने शर्मा की बात का जवाब दिया। इस पर शर्मा ने जांच कराने के लिए कमेटी बनाने का सभापति अजय सिंह नरूका से कहा। उन्होंने कहा कि जांच में भ्रष्टाचार नहीं निकला तो इस्तीफा दे दूंगा।

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