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इंदौर

मिस्सा पूजा, प्रवचन के बाद धूमधाम से निकाला डोल

-संत एंथोनी का महापर्व इंफेंट्री स्कूल प्रांगण स्थित चर्च में मनाया गया, विभिन्न शहरों से भी बड़ी संया में श्रद्धालु हुए शामिल

इंदौरJun 14, 2018 / 02:13 pm

अर्जुन रिछारिया

mhow

मिस्सा पूजा, प्रवचन के बाद धूमधाम से निकाला डोल

डॉ. आंबेडकर नगर (महू). इंफेंट्री स्कूल प्रांगण स्थित संत अंतोनी चर्चा में संत एंथोनी का महापर्व बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। महू सहित विभिन्न शहरों से कैथोलिक व अन्य समुदाय के बड़ी संया में श्रद्धालु पर्व में शामिल हुए। इस दौरान पवित्र मिस्सा पूजा, प्रवचन, भक्ति गीत हुए। साथ ही जुलूस के रूप में संत अंतोनी के डोल की सवारी उत्साहपूर्वक निकाली गई।
डोले के साथ चर्चके फेरे लगाकर बड़ी संया में श्रद्धालुओं ने प्रार्थनाएं की और मन्नतें मांगी। इसमें शामिल होने महू के अलावा विभिन्न शहरों से श्रद्धालु आए। बड़ी संया में श्रद्धालु भीषण गर्मी में कई किमी दूर से पैदल चलकर यहां तक पहुंचे। सुबह से शाम तक महापर्व के कार्यक्रम हुए। लोगों की भीड़ इतनी रही कि पूरा परिसर लोगों से खचाखच भरा रहा। चर्च परिसर में सुबह मिस्सा पूजा व दोपहर में माला विनती व प्रवचन हुए। फादर ने प्रवचन के दौरान आपसी भाईचारे का संदेश दिया। प्रवचन के बाद लोगों को पवित्र जल पिलाया व प्रसाद खिलाया गया। लोगों ने भी संत से अपनी मनोकामनाएं मांगी। समाजजनों ने बताया इस चर्च का निर्माण १८९१ में हुआ। और १८९३ में पहला डोला निकाला गया और तब से यह सिलसिला लगातार जारी और अब यह १२५वां में वर्ष है।
प्रतिमा लेकर चर्च परिसर में घूमे
चर्च परिसर में कार्यक्रम के बाद संत की प्रतिमा को सिर पर लेकर लोगों ने एक डोला निकाला। इसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ शामिल हुई। संत की प्रतिमा लेकर भक्त चर्च परिसर में ही घूमे। जुलूस व डोले के बाद भक्तों को प्रसादी बांटी गई। शाम आठ बजे समारोह का समापन हुआ।
संत का जन्म पुर्तगाल में हुआ
समाजजनों ने बताया संत एंथोनी का जन्म पुर्तगाल के लिस्बन शहर में सन ११९५ में हुआ था। लंबे समय तक पादुआ में रहने के कारण उन्हें पादुआ उपनाम मिला। उन्होंने तपस्वी जीवन बिताया। वे एक उपदेशक थे, जिनके प्रवचन सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आया करते थे। फ्रांस, स्पेन और इटली के गांवों और शहरों में उन्होंने सेवा कार्यकिए। उनके शव को पादुआ के महागिरजाघर में एक सुंदर संदूक में रखा गया है। यहां लंबी तीर्थ यात्रा कर दर्शन के लिए श्रद्धालु आते हैं।

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