इसलिए घटी कीमतें
कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर होने के कारण हुई मुनाफावसूली, इजरायल-ईरान के बीच मिडिल-ईस्ट में तनाव में कमी आने के संकेत, कच्चे तेल की कीमत फिर से डॉलर 90 से नीचे आ आने और अमरीकी फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती में देरी की संभावनाओं के साथ डॉलर में मजबूती आने से पिछले एक सप्ताह में गोल्ड की कीमतें घटी हैं।कैसा है गोल्ड का आउटलुक
जेपी मोर्गन की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 1971 से अब तक जब-जब महंगाई बढ़ी है, गोल्ड ने सभी एसेट्स से अधिक रिटर्न दिया है। यानी महंगाई के दौर में सोने के भाव चढ़ जाते हैं। अभी वैश्विक स्तर पर महंगाई उच्च स्तर पर है। इसलिए सोने की कीमतें ऊंची रहने की उम्मीद है। इसी तरह जब ब्याज दरों में कटौती होती है तो डॉलर में गिरावट आने और लिक्विडिटी बढ़ने की गोल्ड की कीमतें बढ़ जाती हैं। भू-राजनीतिक संकट के कारण गोल्ड की कीमतें और बढ़ने की उम्मीद है।क्या करें निवेशक
गोल्ड की कीमतों में आई हालिया गिरावट निवेशकों के लिए खरीदारी का अच्छा मौका है, लेकिन शॉर्ट टर्म में इनमें गिरावट आ सकती है। गोल्ड अभी के 72,000-73,000 रुपए के स्तर से गिरकर 68,000 से 69,000 रुपए पर आ सकता है। इसलिए निवेशक एकमुश्त नहीं, बल्कि किस्तों में गोल्ड की खरीदारी करें। ब्याज दरों में कटौती होने पर गोल्ड की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है। -जतिन त्रिवेदी, एलकेपी सिक्योरिटीजदुनियाभर में इनके लिए गोल्ड की डिमांड
वजह हिस्सेदारीज्वैलरी 35 फीसदी
निवेश 39 फीसदी
केंद्रीय बैंक 19 फीसदी
टेक्नोलॉजी 7 फीसदी
(स्रोत: वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल, मेटल फोकस)
रोज इतने गोल्ड की खरीद-बिक्री
प्लेटफॉर्म कीमत हिस्सेदारीज्वैलरी स्टोर पर 99.1 60.9 फीसदी
गोल्ड ईटीएफ 02 1.2 फीसदी
एक्सचेंज 61.5 37.8 फीसदी
(कीमत अरब डॉलर में, स्रोत: ब्लूमबर्ग, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल)
महंगाई के दौर में देता है अधिक रिटर्न
महंगाई दर 2 फीसदी से कम 2-5 फीसदी 5 फीसदी से अधिकनॉमिनल रिटर्न 3.35 फीसदी 7.87 फीसदी 24.98 फीसदी
रियल रिटर्न 1.98 फीसदी 4.48 फीसदी 14.20 फीसदी
(नॉमिनल रिटर्न= सालाना सोने के बढ़े कुल दाम, रियल रिटर्न= महंगाई को एडजस्ट करने के बाद मिला सालाना औसत रिटर्न)
(आंकड़े ग्लोबल स्तर पर वर्ष 1971 से अब तक गोल्ड पर मिले रिटर्न पर आधारित)