दरअसल, शहर की सडक़ों से लेकर आरटीओ के ट्रायल ट्रैक तक हेलमेट पहनना सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह गया है। जहां तक बात नियमों की है तो मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के चलते आरटीओ ने लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई रोक रखी है। वहीं बात लाइसेंस शाखा के ट्रायल टै्रक की करें तो अफसर यहां भी नियम-कायदों का पालन करवाने में नाकाम साबित हो रहे हैं।
हर आवेदक के लिए जरूरी हेलमेट
नियमानुसार लाइसेंस शाखा में लाइसेंस बनवाने के लिए ट्रायल देना अनिवार्य है। ऑटोमेटेड ट्रायल टै्रक पर ट्रायल देने के दौरान ही हर आवेदक के सिर पर हेलमेट पहले चेक किया जाता है, लेकिन यहां कई आवेदक बगैर हेलमेट के ही ट्रायल देने पहुंच रहे हैं। एेसे में दिखावे के लिए एक-दूसरे से मांगा हेलमेट लगाकर ट्रायल दे देते हैं। वहीं शुक्रवार को कुछ आवेदकों ने तो बगैर हेलमेट के ट्रायल दे दिया।
नियमानुसार लाइसेंस शाखा में लाइसेंस बनवाने के लिए ट्रायल देना अनिवार्य है। ऑटोमेटेड ट्रायल टै्रक पर ट्रायल देने के दौरान ही हर आवेदक के सिर पर हेलमेट पहले चेक किया जाता है, लेकिन यहां कई आवेदक बगैर हेलमेट के ही ट्रायल देने पहुंच रहे हैं। एेसे में दिखावे के लिए एक-दूसरे से मांगा हेलमेट लगाकर ट्रायल दे देते हैं। वहीं शुक्रवार को कुछ आवेदकों ने तो बगैर हेलमेट के ट्रायल दे दिया।
हर आवेदक के लिए जरूरी हेलमेट
नियमानुसार लाइसेंस शाखा में लाइसेंस बनवाने के लिए ट्रायल देना अनिवार्य है। ऑटोमेटेड ट्रायल टै्रक पर ट्रायल देने के दौरान ही हर आवेदक के सिर पर हेलमेट पहले चेक किया जाता है, लेकिन यहां कई आवेदक बगैर हेलमेट के ही ट्रायल देने पहुंच रहे हैं। एेसे में दिखावे के लिए एक-दूसरे से मांगा हेलमेट लगाकर ट्रायल दे देते हैं। वहीं शुक्रवार को कुछ आवेदकों ने तो बगैर हेलमेट के ट्रायल दे दिया।
नियमानुसार लाइसेंस शाखा में लाइसेंस बनवाने के लिए ट्रायल देना अनिवार्य है। ऑटोमेटेड ट्रायल टै्रक पर ट्रायल देने के दौरान ही हर आवेदक के सिर पर हेलमेट पहले चेक किया जाता है, लेकिन यहां कई आवेदक बगैर हेलमेट के ही ट्रायल देने पहुंच रहे हैं। एेसे में दिखावे के लिए एक-दूसरे से मांगा हेलमेट लगाकर ट्रायल दे देते हैं। वहीं शुक्रवार को कुछ आवेदकों ने तो बगैर हेलमेट के ट्रायल दे दिया।
एजेंट करवा रहे जुगाड़ के ट्रायल
आरटीओ में बने नए ट्रायल ट्रैक पर ऑटोमेटेड ट्रायल ट्रैक के आसपास विभाग के अफसर और बाबू कम, एजेंट ज्यादा ट्रायल करवा रहे हैं। आवेदकों के पास हेलमेट नहीं होने पर एजेंट ही इधर-उधर से मांगकर जुगाड़ करके टेस्ट दिलवा देते हैं। कई बार तो हेलमेट नहीं मिलने पर बाबुओं को बगैर हेलमेट के ही ट्रायल लेने का दबाव बनाते देखे जा सकते हैं।
&जितने भी आवेदक ट्रायल देने आते हैं, उन्हें हेलमेट लेकर ही ट्रायल देना अनिवार्य है। फिर भी यदि नियम का पालन नहीं हो रहा है, तो व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।
निशा चौहान, एआरटीओ
आरटीओ में बने नए ट्रायल ट्रैक पर ऑटोमेटेड ट्रायल ट्रैक के आसपास विभाग के अफसर और बाबू कम, एजेंट ज्यादा ट्रायल करवा रहे हैं। आवेदकों के पास हेलमेट नहीं होने पर एजेंट ही इधर-उधर से मांगकर जुगाड़ करके टेस्ट दिलवा देते हैं। कई बार तो हेलमेट नहीं मिलने पर बाबुओं को बगैर हेलमेट के ही ट्रायल लेने का दबाव बनाते देखे जा सकते हैं।
&जितने भी आवेदक ट्रायल देने आते हैं, उन्हें हेलमेट लेकर ही ट्रायल देना अनिवार्य है। फिर भी यदि नियम का पालन नहीं हो रहा है, तो व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।
निशा चौहान, एआरटीओ