इस शख्स ने कहा- वोट के लिए ट्रंप की तरह कुछ भी कर सकते हैं मोदी
इंदौर. कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, इन दिनों दुनिया में अनेक मोर्चो पर जन संघर्ष, राजनीतिक लड़ाई और ट्रेड वॉर चल रहे हैं। एक एेसे दक्षिणपंथ का उदय हो रहा है, जो जन संघर्ष व राजनीतिक विकल्प का गला घोंट रहा है। दुनिया में चुनाव जीतने के लिए अब वोट मांगने का तरीका बदल गया है। लोगों के जज्बात और भावनाओं को हथियार बना कर खेला जा रहा है। मलेशिया में महातीर जीएसटी वापस लेने की घोषणा कर जीते। अमेरिका के राष्ट्रपति ने नस्लवाद को नारा बनाया। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, प्रधानमंत्री मोदी साहब तो संसद में बैठते नहीं हैं। उन्हें सतर्क रहना होगा, जीएसटी महंगा पड़ सकता है। जनता में असंतोष है। नया भारत बनाना है तो अपना भारत बचाना होगा। मोदी भी ट्रंप-महातिर की तरह कुछ भी कर सकते हैं।
मंगलवार को अभ्यास मंडल की मासिक व्याख्यानमाला में शिरकत करने आए येचुरी वर्तमान चुनौतियां और माक्र्स की प्रांसगिकता पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा, कालमाक्र्स २०० साल बाद भी प्रासंगिक इसलिए है, उन्होंने अर्थशास्त्र की सामाजिक भूमिका को प्रतिपादित किया। पूंजीवाद को समाप्त करने के लिए सभी को एकता के साथ काम करने का रास्ता बताया। वर्तमान में निजी आर्मी का राज चल रहा है। संघर्ष करने वाले के खिलाफ सरकारें खड़ी हो जाती है। प्रधानमंत्री के नए भारत के नारे को थोड़ा संशोधित करने की जरूरत है। शोषण व संकट से मुक्त समाज बनाने की जरूरत है। फांसीवादियों से लडऩे के लिए राजनीतिक विकल्प ही श्रेष्ठ है। देश के संवैधानिक ढ़ांचे को बनाने दक्षिणपंथियों से बचाने की जरूरत है। आपको पता है, ट्रंप कभी मजदूरों से मिले नहीं। फिर भी मजदूरों ने ही उन्हें चुना। यह दुनिया का विरोधाभास है। मुनाफा कमाने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक वर्ग संघर्ष में फंसा हुआ है।
लोन देकर बैंकों को डुबो दिया येचुरी ने कहा पूंजीवादी व्यवस्था का मतलब ही नागरिकों की क्रय शक्ति को बढ़ाया जाए और इसके लिए बैंकों के लोन सस्ते कराए, जिससे बाजार आधारित अर्थव्यवस्था मजबूत हो गई, लेकिन जिस तरह से बैंकों ने लोन बांटे बैंकिंग व्यवस्था धराशायी हो गई। बैंक नहीं सरकार दिवालिया हो गई।
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