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इंदौर

दिग्गज परिवारों के बीच छिड़ी है सियासी जंग

विधानसभा क्षेत्र 3: पूरे शहर की नजर है इस क्षेत्र पर

इंदौरNov 14, 2018 / 12:23 am

प्रमोद मिश्रा

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दिग्गज परिवारों के बीच छिड़ी है सियासी जंग

इंदौर, सिटी रिपोर्टर। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 याने पुराना इंदौर और शहर का हृदय स्थल राजबाड़ा। त्यौहार हो तो रौनक यहां रहती है, बड़ी सफलता मिले तो उसका जश्न पूरा शहर यहां आकर मनाता है। इस बार तो पूरे मालवा ही नहीं प्रदेश की नजर यहां के चुनाव पर है। यहां दिग्गिज राजनीतिज्ञों का वजूद दांव पर लगा हुआ है।
टिकट का फैसला होने से पहले जिस तरह से यहां खींचतान की स्थिति बनी हुई थी वह नाम तय होने के बाद खत्म सी हो गई है। भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के बड़े नेता अपनी पूरा अनुभव यहां लगा रहे है। पिछले चार विधानसभा चुनावों पर नजर डाले तो यह साफ होता है कि तीन बार यहां कांग्रेस ने जीत हासिल की तो एक बार भाजपा ने। कांग्रेस ने पांचवी बार अश्विन जोशी को मैदान में उतारा है तो भाजपा के आकाश विजयवर्गीय पहली बार किसी चुनावी समर में उतरे है। वे भले ही पहला चुनाव लड़ रहे है लेकिन भाजपा का एक बड़ा गुट उनके साथ है। दरअसल यह चुनाव आकाश के पिता भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिष्ठा का प्रश्न है। वे चुनाव मैदान में नहीं है लेकिन आकाश को मैदान में उतारकर एक तरह से वे अपने वजूद की लड़ाई लड़ रहे है। कांग्रेस से भी जोशी परिवार ही इस विधानसभा में जुड़ा है। सैड़ो सीएम के नाम से पहचान रखने वाले वरिष्ठ नेता महेश जोशी पहले यहां से मैदान में हुआ करते थे बाद में भतीजे अश्विन को उतारा। इस बार हालांकि बेटे के लिए टिकट चाह रहे थे लेकिन सफल नहीं हुए लेकिन फिर से भतीजे के लिए मैदान में है। जोशी परिवार के भविष्य का वजूद भी इस चुनाव से ही तय होगा। प्रचार अभियान में इसका माहौल भी दिख रहा है।
402 वोट ने भी किया है जीत का फैसला
विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 3 ऐसा इलाका है जहां एकतरफा स्थिति कभी नहीं, हार जीत का फैसला काफी नजदीक रहा है। एक बार तो सिर्फ 402 वोट ज्यादा मिलने से कांग्रेस को यहां जीत मिल सकी है। वर्ष 2008 के चुनाव में कांग्रेस के अश्विन जोशी को यहां से पूर्व विधायक रहे गोपीकृष्ण नेमा से कड़ी टक्कर मिली थी। अश्विन को जहां 45000 वोट मिले वहीं गोपी नेमा को 44598 वोटों से संतोष करना पड़ा था। पिछले चार चुनावों की बात करें तो आंकड़े बताते है कि पिछली बार 2013 में ही जीत का अंतर 10 हजार के पार हुआ था, शेष चुनाव में काफी कम अंतर रहा है।
वर्ष 1998
कांग्रेस 26657
भाजपा 23527
अंतर 3130

वर्ष 2003
कांग्रेस 29267
भाजपा 24305
अंतर 4962

वर्ष 2008
कांग्रेस 45000
भाजपा 44598
अंतर 402

वर्ष 2013
कांग्रेस 55016
भाजपा 68334
अंतर 13318

फैक्ट: क्षेत्र क्रमांक 3
कुल मतदाता: 187138
पुरुष: 95108
महिला: 91949
अन्य 32
विकास-विनाश का नारा
– यह चुनाव पार्टी पोलिटिक्स व व्यक्तिगत विचाधारा से ऊपर होकर लड़ जा रहा है। इस क्षेत्र का गौरवशाली इतिहास है। हमारी लड़ाई पुराने इंदौर का मूल स्वरूप व यहां की अच्छाई को बचाने का है। पिछले पांच सालों में क्षेत्र में कोई काम नहीं हुए उन्हें लेकर जनता के बीच जा रही है। आ गए है। संगीत प्रेमी, जाने माने परिवारों का क्षेत्र है, पुरानी क्षेत्र होने से इसका गौरवशाली इतिहास है। इसकी तासीर पर ही चुनाव लड़ रहे है, जिससे हमारी जीत तय है।
दीपक (पिंटू) जोशी, कांग्रेस नेता।
– कांग्रेस के प्रतिनिधि ने इलाके में विनाश नहीं विकास किया था, भाजपा ने 5 साल में वहां स्थिति सुधारी।जो विकास कार्य किए उसके साथ प्रदेश सरकार को योजनाओं को लेकर लोगों के बीच जा रहे है। इस बार भी भाजपा की बड़े अंतर से जीत होगी।
गोविंद मालू, भाजपा नेता।

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