दरअसल, एमवायएच की पहली मंजिल पर स्थित प्रसूति वार्ड को प्रबंधन ने एमटीएच हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया है। एमटीएच में गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए अस्पताल की सुविधाओं का निरीक्षण किए जाने के लिए दो सदस्यीय टीम ने दौरा किया और टीम अस्पताल में कर्मचारियों की कमी का मुद्दा उठाया।
वहीं टीम में शामिल दिल्ली के डॉ.नमित तोमर और तमिलनाडु के डॉ. विजयरामन ने ऑपरेशन थिएटर और लेबर रूम में संक्रमण नियंत्रण की कमी के साथ-साथ अन्य कमियों पर भी नाराजगी जताई।
टीम ने इस दौरान मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित और एमटीएच के अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर के सामने इसमें सुधार के लिए सुझाव भी दिए। टीम ने दौरे के दौरान ऑपरेशन थिएटर, लेबर रूम, वार्ड और अस्पताल की अन्य सुविधाओं के साथ-साथ मरीजों के प्रवेश, परामर्श और छुट्टी की सुविधाओं का निरीक्षण किया। एमटीएच में स्टाफ की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अब तक मेडिकल कालेज प्रबंधन ने यहां स्थाई या अस्थाई स्टाफ उपलब्ध नहीं कराया है। कई बार एमवायएच और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को लिखित से लेकर मौखिक अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी 300 बेड के इस अस्पताल में स्टाफ की कमी के चलते अव्यवस्था फैली हुई है। सूत्रों के अनुसार एमटीएच अस्पताल के लिए अभी तक विभाग के अधिकारियों द्वारा भोपाल में स्टाफ स्वीकृत नहीं किया गया है।