शहर में पशु पालन करने वालों को निगम ने कई बार नोटिस दिए अपने जानवरों को बाहर ले जाने के लिए, लेकिन कोई पालक अपने सूअरों को बाहर नहीं ले गया। नोटिस देने के साथ इनके मकान और बाड़े तोडऩे तक की तैयारी की गई, लेकिन एक-दो जगह ही कार्रवाई हुई और बाकी को छोड़ दिया गया। नतीजतन शहर की कॉलोनी-मोहल्लों की सड़क और बैकलाइनों सहित मुख्य मार्गों पर पशु के झुंड विचरण करते देखे जा सकते हैं। ये गंदगी फैलाते हैं इससे स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत साफ-सफाई कर रही निगम की मेहनत पर पानी फिर जाता है। पशु पालकों के मकानों की सूची बनाने के बावजूद तोडऩे में नाकाम निगम ने पशु पकड़ो अभियान चलाया, जो कि आयुक्त आशीष सिंह के निर्देश पर चला। इसके तहत निगम की गैंग ने सैफी नगर, चोइथराम मंडी रोड, फोकटपुरा जूनी इंदौर, हाथीपाला और कटकटपुरा क्षेत्र से आवारा सूअरों को पकड़कर शहर से बाहर किया। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के निर्देशन में यह अभियान चला, जो कि निरंतर जारी रहेगा।
पशु पकडऩे के साथ-साथ निगम ने कुत्तों को पकडऩे की मुहिम भी चलाई। इसके तहत व्यास नगर, रेवेन्यू नगर, मधुबन कॉलोनी, केसरबाग रोड और अमर पैलेस कॉलोनी से तकरीबन 15 कुत्ते पकड़े गए हैं। इसी तरह अनूप नगर, बॉम्बे हॉस्पिटल के पास, महालक्ष्मी नगर और बर्फानी धाम क्षेत्र से 20 कुत्ते पकड़े गए। इस तरह कुल 35 कुत्तों को पकड़कर नसंबदी की गई है। इन कुत्तों के स्वस्थ होने पर इन्हें जहां से पकड़ा गया, वहीं फिर से छोड़ दिया जाएगा। मालूम हो कि कुत्तों के आतंक से लोग काफी परेशान हैं , क्योंकि नसबंदी होने से इनकी संख्या बढऩे पर जरूर विराम लग रहा है पर इनके काटने के साथ लपकने की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। आए दिन कुत्तों के काटने की घटना हो रही हैं।