लॉक डाउन में लोगों तक किराना सामग्री समय से पहुंच जाए, इस पर निगमायुक्त आशीष सिंह पूरी नजर रखे हुए हैं। एक तरफ जहां निगम लोगों को मुफ्त में राशन दे रहा है, वहीं घर-घर ऑर्डर लेकर पैसों में किराना पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए निगम ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में 500 के आसपास किराना दुकानें चिह्नित की हैं। इन दुकानों का निरीक्षण करने के दौरान निगमायुक्त को शिकायत मिली थी कि सूअर उन्मूलन इकाई में कार्यरत प्रभारी सुपरवाइजर राजेश पथरोड़ जबर्दस्ती दुकानों को बंद कराने के साथ अनैतिक रूप से किराना सामग्री मांग रहा है। साथ ही कार्रवाई करने की धमकी देता है।
शिकायत पर जांच कराई। इसमें पथरोड़ दोषी पाए गए। इसके साथ ही उनकी आवंटित कार्य के प्रति लापरवाही और उदासीनता सहित मर्जी से काम करने की बात भी सामने आई। वरिष्ठ अफसरों के आदेश का पालन न करते हुए अनुशासनहीनता अलग की जाती थी। इस पर निगमायुक्त ने उसे सस्पेंड करने की कार्रवाई कर ट्रेंचिंग ग्राउंड भेज दिया। साथ ही खिलाफ विभागीय जांच अलग शुरू करवा दी है।
ऐसा कोई करे, तो बताएं
इधर, निगमायुक्त सिंह ने किराना वितरण में लगे सभी अफसरों और कर्मचारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि कहीं पर भी कोई अपने पद का रूतबा दिखाकर अनैतिक रूप से किराना सामग्री नहीं लेगा। अगर कहीं पर भी इस तरह की शिकायत मिली तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने दुकानदारों से भी अपील की है कि निगम अफसर और कर्मचारियों के मुफ्त में सामग्री मांगने पर तत्काल मुझे शिकायत करें।