अमृत प्रोजेक्ट के तहत नर्मदा की नई पाइप लाइन डालने के साथ फूटी और जर्जर लाइन को सुधारने का कम किया जा रहा है। इसके साथ ही नाला टेपिंग, ड्रेनेज के पाइप डालने और पानी निकासी के लिए स्टॉर्म वॉटर लाइन भी बिछाई जा रही है। जिम्मेदार अफसर नजर नहीं रख रहे, नतीजनत ठेकेदार कंपनी मनमर्जी से काम कर रही है। मुख्य मार्गों और कॉलोनी-मोहल्लों में जगह-जगह गड्ढे खोदकर खुले छोड़ दिए हैं। इनके आसपास सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। इस कारण रोड पर ट्रैफिक का दवाब बढऩे पर वाहन चालक जहां गड्ढों में गिर जाते, वहीं गड्ढे के आसपास टीनशेड सहित रेडियम नहीं लगने से गड्ढा नहीं दिखाता और वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होते हैं। ताजा मामला मनोरमागंज क्षेत्र का है। यहां पर खुदे पड़े गड्ढे में सोमवार रात को बाइक चालक नितिन मधुकर की गिरने से मौत हो गई। इस तरह की लापरवाही पर निगम के अफसर जहां पल्ला झाड़ते रहे, वहीं अन्य जगहों पर चल रहे कामों को लेकर सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
एमओजी लाइन के पास समाजवादी इंदिरा नगर रोड पर नर्मदा की पाइप लाइन डालने के लिए सड़क को खोद दिया गया, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। रोड को इस तरह खोदा गया है कि चार पहिया वाहन आसानी से नहीं निकल सकता है। कल दोपहर को यहां पर गड्ढा खोदा गया और एक स्कूल बस फंस गई। बारबार जाम अलग लग रहा है। लाइन डालने का जिसे ठेका मिला है, उसने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए। इसके साथ ही गड्ढा खोदने के दौरान न तो ठेकेदार कंपनी के अफसर मौजूद रहते और न ही निगम के।
मेन रोड पर छोड़ा अधूरा काम
महूनाका चौराहे से आगे वैष्णव पॉलिटैक्निक कॉलेज के सामने स्टॉर्म वॉटर लाइन डालने का काम किया जा रहा है। पिछले कई दिनों से गड्ढे खोदकर रखे हैं। आधे-अधूरे पाइप डाले गए हैं। इसके साथ ही लंबे समय से काम बंद पड़ा है। सड़क किनारे खोदे गए गड्ढो के आसपास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। नतीजतन वाहन चालकों के गिरने का डर बना ही रहता है।
बस को मशक्कत के बाद निकाला
एलआईजी से पाटनीपुरा जाने वाले रोड पर नर्मदा की पाइप लाइन डाली जा रही है। खोदे गए गड्ढे को काम पूरा होने के बाद भर दिया गया, लेकिन यह काम सही ढंग से नहीं किया जा रहा है। क्रांकीट का बेस बनाए बगैर सीधे मिट्टी डाली जा रही है। इससे वाहन निकलते ही वह बैठ रही और वाहन फंस रहे हैं। आज सुबह भी एक स्कूल की बस गड्ढे में फंस गई, जिसे काफी मशक्कत कर निकाला गया। हालांकि निगम ने शहर में जहां-जहां गड्ढे खोद रखे हैं, वहां पर इसी तरह की समस्या हो रही है। इसका स्थायी हल करने के बजाय निगम के जिम्मेदार सोते रहते हैं।