दो माह में पकड़ा चुकी हजार किलो पॉलिथीन
शहर में प्रतिबंध के बाद भी दो माह में निगम ने लगभग एक हजार किलो पॉलिथीन कैरीबैग पकड़े हैं। इसके अलावा सांवेर रोड पर एक फैक्ट्री भी पकड़ी थी। पॉलिथीन से सबसे ज्यादा दिक्कत प्रदूषण और कचरे की होती है। अमानक स्तर की पॉलिथीन में रखा खाद्य पदार्थ दूषित हो जाता है। इससे बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। पॉलिथीन के कारण ड्रेनेज लाइन और नालियां भी चोक होने की समस्या से निगम को दो-चार होना पड़ता है।
शहर में प्रतिबंध के बाद भी दो माह में निगम ने लगभग एक हजार किलो पॉलिथीन कैरीबैग पकड़े हैं। इसके अलावा सांवेर रोड पर एक फैक्ट्री भी पकड़ी थी। पॉलिथीन से सबसे ज्यादा दिक्कत प्रदूषण और कचरे की होती है। अमानक स्तर की पॉलिथीन में रखा खाद्य पदार्थ दूषित हो जाता है। इससे बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। पॉलिथीन के कारण ड्रेनेज लाइन और नालियां भी चोक होने की समस्या से निगम को दो-चार होना पड़ता है।
धीमा हो गया था अभियान
निगम का पॉलिथीन के खिलाफ अभियान त्योहारों के बाद धीमा हो गया था। बीते दो माह में कई जगह बड़ी मात्रा में पॉलिथीन कैरीबैग पकड़ाने के बाद निगम ने इसे फिर शुरू करने की तैयारी की है।
निगम का पॉलिथीन के खिलाफ अभियान त्योहारों के बाद धीमा हो गया था। बीते दो माह में कई जगह बड़ी मात्रा में पॉलिथीन कैरीबैग पकड़ाने के बाद निगम ने इसे फिर शुरू करने की तैयारी की है।
हमने कार्ययोजना बनाना शुरू कर दी है। हम एक-दो सप्ताह में फिर बड़े स्तर पर अभियान शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। –रोहन सक्सेना, अपर आयुक्त, नगर निगम निगम कमिश्नर सिंह के खिलाफ अवमानना नोटिस
वार्ड कमेटियों का गठन नहीं होने के मामले में हाई कोर्ट ने नगर निगम कमिश्नर मनीष सिंह के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया हैं। 2016 और 2017 में इसी मुद्दे के लेकर दायर दो अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई थी, दोनों ही याचिकाओं पर नगर निगम ने शपथ पत्र के साथ वार्ड कमेटियां गठित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक शहर में इनका गठन नहीं किया है। पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने वकील मनोहर दलाल, लोकेंद्र जोशी के माध्यम से याचिका दायर की थी। मंगलवार को जस्टिस पीके जायसवाल व वीरेन्दर सिंह की बेंच में सुनवाई हुई।
वार्ड कमेटियों का गठन नहीं होने के मामले में हाई कोर्ट ने नगर निगम कमिश्नर मनीष सिंह के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किया हैं। 2016 और 2017 में इसी मुद्दे के लेकर दायर दो अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की गई थी, दोनों ही याचिकाओं पर नगर निगम ने शपथ पत्र के साथ वार्ड कमेटियां गठित करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक शहर में इनका गठन नहीं किया है। पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने वकील मनोहर दलाल, लोकेंद्र जोशी के माध्यम से याचिका दायर की थी। मंगलवार को जस्टिस पीके जायसवाल व वीरेन्दर सिंह की बेंच में सुनवाई हुई।