एेसे हुई पहचान एएसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया, पहले झोपड़ी में रहने वाले देवाराम बावरी को बुलाया, जो अब मालवीय नगर रिंग रोड पर झोपड़ी बनाकर रह रहा है। उसने सफेद शर्ट व पैर में जूता देख पहचाना कि मृतक उनका बेटा बग्गाराम (25) है। पिता ने बताया कि बग्गाराम मूर्ति बनाकर बेचता था। वह शराब, गांजा सहित कई नशे करता है। नशे में कई बार बेटा उनसे मारपीट कर चुका है। इस वजह से वे यह झोपड़ी छोडक़र चले गए। बेटा यहीं रहने लगा। पुलिस को मृतक के जीजा रमेश व बहन से विवाद होने की सूचना मिली है। पांच दिन पूर्व दोनों के राजस्थान जाने की बात सामने आई है। पिता ने बताया, वे मूलत: पाली, राजस्थान के रहने वाले हैं। बग्गाराम सबसे बड़ा बेटा था। उससे छोटे ९ भाई-बहन हैं।
गला दबाकर हत्या शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में बग्गाराम की गला दबाकर हत्या का खुलासा हुआ है। बग्गाराम का बहन रेखा व जीजा रमेश से विवाद हुआ था। इस दौरान उस पर ल_ से हमला भी हुआ। घटना के बाद से बहन-जीजा गायब हैं। रेखा दस भाई-बहन में दूसरे नंबर की है। वहीं मृत कुत्ते की जानकारी मिली कि कुत्ते ने बग्गाराम को काट लिया था, जिसके बाद कुत्ते को मार डाला।
झोपड़ी में होती है नशाखोरी युवक की लाश मिलने के दो दिन पूर्व किसी नशेड़ी ने बहन से मारपीट की थी। हंगामा देख थाने के जवान वहां पहुंचे, तो झोपड़ी में युवक-युवती मिले, जो खुद को पति-पत्नी बताते रहे। युवती के बैग की तलाशी में गांजा मिला था। उसका साथी भी नशे में था। उसे पकडक़र थाने ले गए। बताते हैं कि थाने के जिम्मेदारों ने उसे बगैर कार्रवाई के छोड़ दिया। एक दिन पूर्व कुत्ते की लाश मिली फिर उसी मैदान में युवक का शव मिला।
मां ने नहीं पहचाना, कई बिंदु पर जांच पुलिस ने मृतक बग्गाराम के शव की पहचान के लिए सबसे पहले मां को बुलाया। उसने पहचानने से इंकार कर दिया। इसके बाद पिता को बुलाया तो उसने शव का जूता देख पहचान लिया। बेटे के कुछ दिनों से नहीं मिलने पर वे थाने में सूचना दे चुके हैं। पुलिस को परिवार से मिली जानकारी पर संदेह है। अधिकारियों का कहना है, विस्तृत पूछताछ के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंच पाएंगे।