इस कमी को पूरा करने के लिए पड़ोसी जिले धार, झाबुआ और बड़वानी से कर्मचारियों की डिमांड की गई। उच्च स्तर पर हुई चर्चा के बाद जिला प्रशासन ने बगैर देर किए अपने मास्टर ट्रेनरों कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के लिए उक्त जिलों में कल ही रवाना कर दिया है। मास्टर ट्रेनर इन कर्मचारियों को आज प्रशिक्षण देंगे। चुनाव के गुर सिखाए जाने के साथ राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों से अवगत होकर ये कर्मचारी कल तक इंदौर भी आ जाएंगे। इन कर्मचारियों के इंदौर में ठहरने और भोजन पानी की सारी व्यवस्था जिला प्रशासन ने की है। परिवहन विभाग को इन कर्मचारियों को लाने और चुनाव संपन्न होने के बाद पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
250 कर्मचारियों ने दिए ड्यूटी निरस्ती के आवेदन
इधर, चुनाव में ड्यूटी निरस्त कराए जाने वाले कर्मचारियों ने आवेदन भी जिला निर्वाचन कार्यालय के पास बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। केंद्रीय कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त किए जाने के बाद प्रशासन कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में अब कलेक्टर मनीष ङ्क्षसह ने चुनाव ड्यूटी निरस्त कराने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है। 200 से 250 कर्मचारियों के आवेदनों में से उन्हें ही चुनाव से मुक्त किया जा रहा है जो गंभीर बीमारियों से पीडि़त हैं, कोरोना है या फिर जिनके छोटे बच्चे हैं।