इंदौर. पहली बार रविवार को नेशनल
लोक अदालत का आयोजन शहर में किया गया है। यह इस वर्ष की द्वितीय नेशनल लोक अदालत है। इसके साथ ही तहसील स्तर पर भी लोक अदालत लगाई जा रही है। इसमें विद्युत अधिनियम, 2003 के अंतर्गत आने वाले प्रकरणों का अधिक से अधिक निराकरण हो सके इसके लिए मध्यप्रदेश शासन ऊर्जा विभाग, भोपाल द्वारा न्यायालयों में लंबित मामलों एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में छूट प्रदान की गई हैं। इसके चलते आज दिनभर में हजारों लंबित प्रकरण लोक अदालत में निपटेंगे।
नेशनल लोक अदालत सुबह १० बजे से शुरू हुई। नगर निगम मुख्यालय और जोनल ऑफिसों पर सुबह बकाया टैक्स जमा करने वालों की ज्यादा भीड़ नहीं रही, लेकिन निगम राजस्व विभाग के अफसर सुबह से सक्रिय हो गए। लोक अदालत में संपत्तिकर और जलकर बकाया होने पर लगे सरचार्ज को माफ करने के साथ छूट दी जा रही है। उम्मीद जताई जा रही थी कि निगम खजाने में अच्छी-खासी राशि जमा हो जाएगी। अफसरों का कहना है कि 5 से 7 करोड़ रुपए से ज्यादा जमा नहीं होंगे, क्योंकि 31 मार्च तक कई बकायादारों ने बकाया टैक्स जमा कर दिया। ऐसी स्थिति में 20 से 22 दिन में पैसा कम ही आएगा। हालांकि इसके पहले लोक अदालतों के चलते निगम खजाने में १२ से १५ करोड़ रुपए तक जमा हुए हंै।
ऐसे मिलेगी छूटमहापौर मालिनी गौड़ और राजस्व विभाग के प्रभारी सूरज कैरो ने कहा संपत्तिकर के प्रकरण, जिनमें टैक्स और सरचार्ज को मिलाकर 50 हजार रुपए तक बकाया होने पर पूरा सरचार्ज माफ हो जाएगा। ५० हजार रुपए से ज्यादा व 1 लाख रुपए तक बकाया होने पर सरचार्ज पर 50 प्रतिशत तक और १ लाख रुपए से अधिक बकाया होने पर सरचार्ज में 25 प्रतिशत तक छूट दी जाएगी। जलकर के ऐसे प्रकरण, जिनमें टैक्स व सरचार्ज की राशि मिलाकर 10 हजार रुपए तक बकाया होने पर सरचार्ज पूरी तरह माफ हो जाएगा। 10 हजार रुपए से अधिक व 50 हजार रुपए तक बकाया होने पर सरचार्ज में 75 प्रतिशत, 50 हजार रुपए से अधिक की राशि बकाया होने पर 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी।
बिजली कंपनी की लगी टेबलपश्चिम क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी भी बिल बकायादारों को आज नेशनल लोक अदालत में छूट देगी। इसके लिए जिला कोर्ट में लगने वाली अदालत में कंपनी की अलग से टेबल लगेगी। कंपनी के एमडी आकाश त्रिपाठी ने कहा कि कंपनी क्षेत्र में 40 हजार के करीब प्रकरण लंबित हैं। इसमें से लोक अदालत में ५ हजार के करीब प्रकरण रखे जाएंगे। इंदौर के 2 हजार प्रकरण शामिल हैं। प्रीलिटिगेशन के प्रकरणों पर 40 फीसदी मूल रकम में छूट, लिटिगेशन प्रकरणों में 25 फीसदी छूट एवं दोनों ही प्रकार के प्रकरणों में सरचार्ज पर 100 फीसदी की छूट दी जाएगी।
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