पीडि़त संतोष कुमार ने बताया कि उनकी बेटी को 12वीं में 100 प्रतिशत नंबर मिले थे, तब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने निजी तौर पर पत्र लिखकर बधाई दी थी। नीट में चयन होने के बाद भी एडमिशन नहीं होने के कारण पूरा परिवार हताश है। चार दिन पहले रुचिका की मां ने जहर खा लिया था। उसे किसी तरह बचाया है। मां-बेटी न तो ठीक से खाना खा रहे हंै और न ही कहीं आना-जाना कर रहे हैं। इसके कारण संतोष को दिनभर डर लगा रहता है कि कहीं वे कुछ कर न बैठें। बेटी के भविष्य के लिए चंडीगढ़ की कॉरपोरेट जॉब छोड़ कर इंदौर आए संतोष का कहना है कि न्याय नहीं मिला तो और कोई विकल्प नहीं बचेगा। प्रधानमंत्री को पत्र में कहा है कि आठ दिन में न्याय नहीं मिला तो वे तीनों सडक़ पर खुदकुशी कर लेंगे।