लापरवाही : स्कूली छात्राओं का ऑटो पलटा, फिर भी आरटीओ ने नहीं ली सुध
हाल ही में हुए हादसे से नहीं लिया सबक

इंदौर. यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की सुस्ती का फायदा स्कूली ऑटो चालक उठा रहे हैं। तीन सीटर ऑटो में पटिए लगाकर 10 से 12 बच्चों का परिवहन किया जा रहा है, लेकिन दोनों विभागों ने अगस्त के बाद इक्का-दुक्का कार्रवाई कर इतिश्री कर ली है। कुल मिलाकर बिना किसी डर के ऑटो चालक जहां नियम तोड़ रहे वहीं नोनिहालों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं।
must read : Ind vs Ban : पाकिस्तान से आई गीता ने इंडिया को किया चीयर, बोलीं -विराट से मिलना चाहती हूं
उल्लेखनीय है कि 12 नवंबर को बड़ा गणपति स्थित श्री क्लॉथ मार्केट विद्यालय में पढऩे वाले बच्चों को लेकर ऑटो रिक्शा घर छोडऩे जा रहा था। तभी 60 फीट रोड स्थित चौराहे पर ऑटो का संतुलन गड़बड़ा गया और वह पलट गया। हादसे के वक्त ऑटो में 12 बच्चे सवार थे। ऑटो के पलटते ही उसमें बैठे बच्चों चीख-पुकार मच गई। वहां राहगीरों ने पलटे ऑटो को सीधा कर उसमें से बच्चों को बाहर निकाला और पुलिस को हादसे की सूचना दी। वहीं बच्चों के परिजनों को भी सूचना दी गई। इस हादसे में दो बच्चे घायल हुए थे, जिन्हें पास के ही अस्पताल में भर्ती किया गया था।
must read : अब सूरज से रोशन होंगे इंदौर के आसपास के ये पर्यटनस्थल, सवा करोड़ रुपए की लगेगी सोलर पैनल
परिवहन विभाग ने स्कूल शुरू होने के ठीक बाद ऑटो, वैन-मैजिक और स्कूल बसों के खिलाफ अभियान शुरू किया था। कुछ दिन तक लगातार कार्रवाई के बाद अफसरों ने सडक़ पर उतरना ही बंद कर दिया। यातायात पुलिस भी महीनेभर में इक्का-दुक्कार कार्रवाई ही कर रही है, जबकि शहर के कई स्कूलों में निजी वैन और ऑटो बेहिसाब बच्चों का परिवहन कर रहे हैं।
must read : Breaking : लाठी-डंडे लेकर भाजपाइयों के पीछे दौड़े कांग्रेसी, भाजपा का झंडा जलाया, कई गिरफ्तार, देखें VIDEO
डेढ़ हजार ऑटो ढो रहे स्कूली बच्चे
शहर के डेढ़ हजार से ज्यादा ऑटो, वैन, मैजिक स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं। दो से तीन स्कूल ऐसे हैं जहां 50 से 60 ऑटो की जरूरत रोजाना होती है। छोटे स्कूलों में भी 15 से 20 ऑटो, वैन की जरूरत रोजाना होती है। औसतन एक स्कूल में 20 ऑटो भी माने जाएं तो 70 स्कूलों में करीब 1500 ऑटो, वैन लगे हुए हैं। इन वाहनों में नियमानुसार तीन सवारी बैठने की जगह होती है, लेकिन ऑटो चालक अलग से पटिया लगाकर 10 से 12 बच्चों को बैठा कर स्कूल छोड़ते हैं।
अब पाइए अपने शहर ( Indore News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज