इधर मंदिर प्रशासन ने जिला प्रशासन को तब एक पत्र लिखा था, जिसमें छोटा बांगड़दा प्रगति नगर के 15 बाय 40 के प्लॉट की जांच को कहा था। तहसीलदार को ज्मिेदारी सौंपी गई ताकि ये पता लगाया जा सके कि प्लॉट विवादित तो नहीं है या सरकारी जमीन पर कटी अवैध कॉलोनी का हिस्सा तो नहीं है? जमीन का मूल मालिक कौन है और प्लॉट की खरीद-फरोख्त बिना टीएंडसीपी व डायवर्शन के कैसे कर दिया? वहीं कब्जा करने वाली महिला के पास क्या आधार है? सारे तथ्यों के बाद में वह जमीन अपने नाम कराएगा। इसको लेकर मंदिर प्रशासन ने कई पत्र लिखे ताकि रिपोर्ट मिल सके। इसके बावजूद मंदिर को आज तक जवाब नहीं मिला। प्रशासन की लापरवाही देखो कि आज तक दान में मिला प्लॉट भगवान को स्वीकार नहीं हो पाया।
विवादों का गढ़ है छोटा बांगड़दा
एयरपोर्ट रोड और सुपर कॉरिडोर के बीच आने वाले छोटा व बड़ा बांगड़दा में तेजी से बसाहट हो रही है। कई जमीन मालिकों ने धड़ल्ले से अवैध कॉलोनी काटकर गरीबों को मकान बेच दिए। कई जमीन के जादूगरों ने तो कई सरकारी जमीनों पर अवैध कॉलोनी काटकर प्लॉट बेच दिए। मकानों की संख्या इतनी है कि जिला प्रशासन उन्हें तोडऩे की ह्मित नहीं कर पा रहा। कई बार नोटिस जारी हुए लेकिन कोई हल नहीं निकला।