स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि हमारे युवा-बच्चों को पनीर, घी और मावे के रूप में जहर दिया जा रहा है। हम पिछले तीन माह में 89 लोगों पर एफआईआर दर्ज करवा चुके हैं जो मिलावट करते थे। प्रदेश में हम तीन जगह फूड लैब बना रहे हैं। इंदौर के साथ ग्वालियर और जबलपुर में भी लैब बनाई जा रही है। इन तीनों लैबों में खाद्य पदार्थों और औषधियों का परीक्षण किया जा सकेगा। खाद्य पदार्थों में केमिकल टेस्टिंग के अलावा माइक्रोबायलॉजिकल और उपकरणीय परीक्षण किए जा सकेंगे। तीनों प्रयोगशालाएं एनएबीएलएल स्तर की होंगी। इनमें आधुनिक उपकरण आईसीपीएमएस, एलसीएमएसएमएस, जीसीएमएसएमएस, युवी, स्ट्रोप मीटर, डिजिटल पीएच मीटर, एचपीएलसी गैस के साथ ही क्रोमोटो ग्राफ के साथ अन्य आधुनिक उपकरण होंगे। मंत्री सिलावट ने कहा कि हम अब तक मिलावट करने वाले ३० से अधिक व्यापारियों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई कर चुके हैं। प्रदेश में एसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी कार्रवाई एक साथ हुई है। मध्यप्रदेश सरकार मिलावट के खिलाफ है और हमने यही अभियान चला रखा है। जिसमें प्रदेश की आम जनता भी हमारे साथ में है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों इस अभियान की शुरुआत के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने मिलावट की सूचना देने वालों को 11 हजार रुपए इनाम की बात कही थी। तीनों लैबों में प्रदेश सरकार करीब ५५ करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। इंदौर प्रदेश की आर्थिक राजधानी है। खान-पान के लिए देश व दुनिया में इसकी अलग पहचान है। यहां कई इंडस्ट्री भी आकार ले चुकी हैं। ऐसे में अधिकांश सैंपल यहां से हर महीने लिए जाते हैं, जिसकी रिपोर्ट आने में एक एक माह लग जाता है।