यह बात टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसो. द्वारा आयोजित वर्कशॉप में उदयपुर से आए सीए सौरभ नागदा ने कही। उन्होंने बताया, जीएसटीआर 9 में वर्ष 2017-18 से संबंधित जो संशोधन अप्रैल २०18 से सितंबर २०18 तक के रिटर्न में किए गए है उन्हें भी शामिल करना है। संशोधन के लिए समयसीमा मार्च 2019 तक बढ़ाने से इस बारे में भी स्पष्टीकरण जारी होना चाहिए। मार्च 19 तक रिटर्न में किए गए 17-18 से संबंधित संशोधन को भी शामिल करना चाहिए। अध्यक्ष सीए विक्रम गुप्ते ने बताया, सही समय पर सदस्यों एवं ट्रेड को नए संशोधनों के साथ तैयार करने के लिए ही एसो. ने वर्कशॉप का आयोजन किया है। इससे पहले सीए डीजे दवे ने बताया, सरकार ने जीएसटी ऑडिट की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रोफेशनल को दी है, किंतु जीएसटी में लगातार परिवर्तनों को देखते हुए इसे पूरा करना कठिन है।
वर्कशॉप संयोजक संयोजक सीए सुनील जी. खंडेलवाल ने बताया, वार्षिक विवरणी जीएसटीआर 9 व जीएसटी ऑडिट रिपोर्ट जीएसटीआर 9 सी, जो 2 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले रजिस्टर्ड पर्सन पर लागू है, को ऑफलाइन यूटिलिटी में तैयार कर एक साथ फाइल करना चाहिए, क्योंकि एक बार फाइल करने के बाद इसमें सुधार नहीं किया जा सकता। जीएसटी ऑडिट पर कॉस्ट अकाउंटेंट मिहिर तुरखिया ने बताया, इसके लिए टर्नओवर पूर्ण वित्तीय वर्ष का ही लिया जाएगा। अगर सभी ब्रांच एवं यूनिट का मिलाकर कुल टर्नओवर 2 करोड़ से अधिक होता है तो ऐसे रजिस्टर्ड पर्सन को सभी ब्रांच व यूनिट का जीएसटी ऑडिट करवाना होगा।