मालूम हो, पूर्व में नए जीएसटी पंजीयन प्राप्त करने में व्यवसायियों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने विभागीय अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि विभाग व्यवसायियों को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में ज्यादा से ज्यादा योगदान दे सकें। वाणिज्यिक कर आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि जीएसटी पंजीयन के लिए एसओपी जारी करने से व्यवसायियों तथा विभाग के अधिकारियों की समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
वेबसाइट से होगा वेरिफिकेशन विभाग के अधिकारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन के आवेदन के साथ संलग्न किए जाने वाले योग्य दस्तावेज, व्यवसाय की प्रकृति के अनुसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। इन दस्तावेज का सत्यापन अधिकारियों द्वारा अलग-अलग विभागों की वेबसाइट से किस प्रकार किया जाना चाहिए, इस संबंध में भी दिशा निर्देश दिए गए हैं। व्यवसायियों को अतिरिक्त दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं होना पड़ेगा। इससे पंजीयन जारी करने की प्रक्रिया जल्दी पूरी हो सकेगी। अब सिर्फ आवेदक का पैन, आधार, मोबाइल नंबर, मेल आइडी व व्यवसायिक स्थल के प्रमाण के आधार पर ही जीएसटी पंजीयन जारी किया जाएगा।
नहीं लगेंगे अतिरिक्त दस्तावेज नई एसओपी से एक ओर प्रदेश के जीएसटी विभाग के सभी कार्यालयों में पंजीयन की प्रक्रिया में एकरूपता आएगी तो दूसरी ओर कारोबारियों के पंजीयन के सत्यापन के लिए अतिरिक्त दस्तावेज देने की अनिवार्यता भी नहीं रहेगी। विभिन्न व्यवसायिक संगठन एवं विधिक संगठन लंबे समय से ऐसी व्यवस्था की मांग कर रहे थे। नई एसओपी से बोगस पंजीयन में रोक लगेगी। वास्तविक कारोबारियों को अनावश्यक दस्तावेज की मांग से मुक्ति मिलेगी और जल्द पंजीयन हो सकेंगे।