बोर्ड ने नहीं दिया कोई जवाब मुफ्त पास को लेकर आठ सितंबर से एमपीसीए द्वारा किए जा रहे पत्राचार पर कोई जवाब एवं स्पष्टीकरण नहीं देने पर 29 सितंबर को एमपीसीए ने मैच कराने में असमर्थता जता दी थी। २९ सितंबर से लेकर ३ अक्टूबर को संशोधित कार्यक्रम घोषित कर बीसीसीआई ने एमपीसीए को कोई जवाब नहीं दिया जा रहा है। मुफ्त पास को लेकर दोनों पक्षों में शुरू हुई लड़ाई भविष्य में और बड़ी हो सकती है। बोर्ड के मैच कराने के लिए हर समय तैयार रहने वाले एमपीसीए को भविष्य में घरेलू मैचों की मेजबानी मिलने की संख्या में भी कमी आने की आशंका है।
एमपीसीए के समर्थन में उतरे गांगुली अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल मैचों के दौरान स्टेडियम की दर्शक क्षमता के 10 फीसदी से अधिक मुफ्त पास नहीं देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन को लेकर सिर्फ एमपीसीए में ही विवाद की स्थिति नहीं है। अन्य राज्य संगठनों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एमपीसीए द्वारा मेजबानी करने से इनकार करने के फैसले का बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा है चार नवंबर को कोलकता में होने वाले भारत-वेस्टइंडीज टी-२० मैच के दौरान पहले की तरह ही मुफ्त पास देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा स्थानीय पुलिस, जलिा प्रशासन सहित अन्य शासकीय मशीनरी जिनके कारण मैच सफल होता है, उन्हें पास नहीं देंगे तो मैच कैसे होगा। उन्होंने यहा तक कहा है कि यदि हमारे इस फैसले के बाद बोर्ड हमसे मैच वापस लेना चाहता है तो ले सकता है।