आठ लगे, पांच और लगेंगे
जीआरपी टीआई केएल वरवड़े ने बताया कि किसी अपराध या अपराधी के संबंध में फुटेज देखने होते हैं तो उन्हें आरपीएफ के कैमरों की मदद लेनी पड़ती थी। ऐसे में कई दफा फुटेज मिल नहीं पाते थे। इसी कड़ी में स्टेशनों पर जीआरपी अपने कैमरे लगवा रही है। अब तक स्टेशन पर आठ कैमरे लगाए जा चुके हैं। पांच कैमरे और लगाए जाएंगे।
जीआरपी टीआई केएल वरवड़े ने बताया कि किसी अपराध या अपराधी के संबंध में फुटेज देखने होते हैं तो उन्हें आरपीएफ के कैमरों की मदद लेनी पड़ती थी। ऐसे में कई दफा फुटेज मिल नहीं पाते थे। इसी कड़ी में स्टेशनों पर जीआरपी अपने कैमरे लगवा रही है। अब तक स्टेशन पर आठ कैमरे लगाए जा चुके हैं। पांच कैमरे और लगाए जाएंगे।
रेलवे के कैमरों से भी मॉनिटिरिंग इसके अलावा जीआरपी ने रेलवे द्वारा स्टेशन परिसर में लगाए गए कैमरों की लिंक भी जीआरपी थाने के कंट्रोल रूप में ले ली है। कंट्रोल रूप में दो एलईडी स्क्रीन्स लगाई गई हंै। अब स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है।
आरपीएफ का अपना कंट्रेाल रूम रेलवे स्टेशन और बाहरी परिसर की निगरानी की जिम्मेदारी मुख्य रूप से आरपीएफ के पास है। आरपीएफ का अपना खुद का कंट्रोल रूप है। इसकी निगरानी के लिए तीन शिफ्ट में पुलिस कर्मी निगरानी करते है। संदिग्ध दिखने पर तत्काल कार्रवाई की जाती है। इन कैमरों की मदद से अभी तक आरपीएफ ने कई मामलों को सुलझाया है। आरपीएफ टीआई जेआर यादव ने बताया कि स्टेशन पर सभी हाईटेक कैमरे लगे हुए है। जिसकी मदद से बदमाशों की पहचान असानी से हो जाती है।