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महत्वपूर्ण खबर : अब पैरेंट्स भी कर सकेंगे बच्चों की स्कूल बस और वैन की जांच, इन नंबरों पर करें शिकायत

परिवहन विभाग ने जारी किए नंबर : नियम तोडऩे पर ड्राइवर का लाइसेंस होगा निरस्त, ऑटो में 5 छोटे या 3 बड़े बच्चे ही बैठा सकेंगे

इंदौरJun 22, 2019 / 12:36 pm

रीना शर्मा

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इंदौर. सोमवार से शुरू हो रहे नए शिक्षण सत्र में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग ने सख्त दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही विभाग ने स्कूली बच्चों के पैरेंट्स को भी बसों और ऑटो के निरीक्षण के अधिकार दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट और जिला प्रशासन द्वारा बच्चों की सुरक्षा को लेकर बनाई गई गाइड लाइन का पालन नहीं करने पर पैरेंट्स इसकी शिकायत आरटीओ और एआरटीओ को कर सकेंगे।
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विभाग ने दोनों के नंबर भी जारी किए हैं। वाहनों में अनियमितता होने या उसे चलाने वाले ड्राइवर द्वारा लापरवाही की शिकायत भी पैरेंट्स सीधे परिवहन विभाग को कर सकेंगे। शिकायत सही पाए जाने पर वाहन का परमिट निरस्त किया जाएगा। ड्राइवर की गलती होने पर उसका लाइसेंस निरस्त होगा। विभाग के मुताबिक एलपीजी या डबल फ्लूय से चलने वाले वेन या अन्य किसी भी वाहन से स्कूली बच्चों का परिवहन नहीं किया जा सकेगा। बच्चों को लाने-ले जाने वाले ऑटो रिक्शा के लिए भी सख्त नियम जारी किए गए हैं। ऑटो में पांच छोटे (12 वर्ष से कम आयु) या 3 बड़े (12 वर्ष से अधिक आयु) बच्चों से अधिक का परिवहन करना गैरकानूनी होगा।
महिला परिचालक होना अनिवार्य

गाइड लाइन के मुताबिक बसों में महिला परिचालक होना भी अनिवार्य किया गया है, नहीं होने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा नियमों के पालन के लिए परिवहन विभाग ने पैरेंट्स के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
69 स्कूल बसों की जांच, 6 के फिटनेस निरस्त

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परिवहन विभाग ने शुक्रवार को भी शहर के तीन स्कूलों की 69 बसों की जांच की। खामियां मिलने पर ६ बसों के फिटनेस प्रमाण पत्र निरस्त किए गए हैं। जबकि 6 बसों के प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं होने पर 18,000 रुपए के चालान बनाए गए हैं। एआरटीओ निशा चौहान ने बताया, एसडीपीएस की तीन, वीआईटीएस स्कूल की २ और प्रेस्टिज की एक बस के फिटनेस प्रमाण पत्र निरस्त किए गए हैं।
परिजन इन बातों की करें जांच

-स्कूल में जिस स्थान पर बच्चों को वाहन से उतारा जा रहा है या जहां से उन्हें बैठाया जा रहा है वह स्थान सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में है या नहीं।
-बसों की गति 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक तो नहीं है।
-वाहन में अग्निशमन यंत्र हैं या नहीं। यदि यंत्र लगे हैं तो उनकी एक्सपायरी डेट तो नहीं निकली। वाहन में प्राथमिक उचार के लिए फस्र्टएड बॉक्स है या नहीं
-सीट बेल्ट है या नहीं। जीपीएस सिस्टम चालू है या नहीं।
-बस के ड्राइवर और कंडेक्टर प्रॉपर यूनिफार्म में हैं या नहीं। बस में महिला परिचालक है या नहीं।
-ड्राइवर के पास लाइसेंस और वाहन के वैध दस्तावेज है या नहीं।
-एलपीजी से चलने वाले वाहन का इस्तेमाल तो नहीं हो रहा है। डबल फ्यूल से चलने वाले वाहनों पर भी रोक लगा दी गई है।
-जिन स्कूलों के बच्चों का ऑटो रिक्शा के माध्यम से परिवहन हो रहा है उनमें एक रिक्शा में छोटे 5 या बड़े 3 से अधिक बच्चे न हों।
-ऑटो के आगे ड्राइवर के पास कोई बच्चे न बैठे हों।
-वाहनों की ड्राइवर वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे या नशे की हालत में तो नहीं है।
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