scriptमिट्टी की ‘हेल्थ’ जांचने में जुटे अधिकारी, खेतों में जाकर किसानों से ले रहे सैंपल | Officers engaged in the investigation of soil 'health' | Patrika News
इंदौर

मिट्टी की ‘हेल्थ’ जांचने में जुटे अधिकारी, खेतों में जाकर किसानों से ले रहे सैंपल

कृषि विभाग ने पायलेट प्रोजेक्ट के लिए असरावद खुर्द का किया चयन

इंदौरJun 09, 2019 / 03:04 pm

रीना शर्मा

indore

मिट्टी की ‘हेल्थ’ जांचने में जुटे अधिकारी, खेतों में जाकर किसानों से ले रहे सैंपल

इंदौर. सरकार की स्वाइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत दो साल में इंदौर जिले में करीब डेढ़ लाख किसानों ने मृदा सेहत कार्ड बनवाए। जिले के हर ब्लॉक में अब एक-एक गांव का चयन पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया है। यहां हर खसरे का एक कार्ड होगा। अधिकारी खेत-खेत जाकर किसानों से जानकारी जुटाकर मिट्टी के नमूने ले रहे हैं। इंदौर तहसील के गांव असरावदखुर्द को चयन हुआ है।
ये भी पढ़े : इन 38 कोचिंग संस्थानों को आज तक की मोहलत, कल हो जाएगी सील

कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मिट्टी के सेंपल लिए जाने के बाद मिट्टी में जो कमी होगी, किसानों को उसके बारे में बताया जाएगा। इसके बाद मृदा सेहत कार्ड में पूरी जानकारी इस तरह लिखी जाएगी, जिससे किसान इसे आसानी से समझ सकें। उन्हें उनकी मिट्टी में किस पोषक तत्वों की जरूरत, आवश्यक खाद, फसल के उचित तापमान और वर्षा के हालात आदि के बारे में भी बताया जाएगा।
ये भी पढ़े : बाइक पर लगे जीपीएस से कंजर गिरोह तक पहुंचा मालिक, पुलिस ने देखा ये नजारा

पोषक तत्वों की कमी की मिलेगी जानकारी

इस योजना के तहत किसानों के खेत की मिट्टी की लवणीयता, क्षारीयता और अम्लीयता की पूरी जांच होगी। इससे अगर मिट्टी में बदलाव होते हैं तो किसानों को उसके बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि वे इसके लिए समय रहते काम कर सकें। गुणवत्ता की जांच होने से किसान यह तय कर पाएंगे कि उन्हें कब, कौन सी फसल करनी है और किसमें उन्हें मुनाफा होगा। योजना में किसानों को उनकी मिट्टी की कमी के बारे में भी बताएंगे जिससे वे यह समझ सकेंगे कि किस फसल में निवेश करना चाहिए और किस में नहीं।
ये भी पढ़े : रिटायर्ड जज के वकील बेटे ने की खुदकुशी, ऐसे हुआ खुलासा

लगातार खेती किए जाने से पोषक तत्वों की कमी हो जाती है-

किसान लगातार एक ही फसल लेता है तो मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। स्वाइल हेल्थ कार्ड में सारी जानकारी होती है। किसान फसल की जरूरत के अनुसार खाद डाल पाएगा, जिससे लागत भी कम कर पाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट पर फिलहाल असरावदखुर्द के हर किसान के खेत की मिट्टी के नमूने लिए जा रहे हैं।
विजय जाट, संयुक्त संचालक कृषि विभाग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो