बकाया संपत्तिकर और जलकर वसूली टारगेट के हिसाब से कम करने पर बैठकों में कई बार निगम के १९ जोन पर तैनात सहायक राजस्व अधिकारी (एआरओ) और बिल कलेक्टरों सहित अन्य स्टाफ को फटकार लगती है। इन पर कार्रवाई अलग होती है। राजस्व वसूली की समीक्षा के दौरान बड़े अफसर एआरओ को अपमानित अलग करते हैं, लेकिन टारगेट के हिसाब से ज्यादा पैसा लाने पर शाबाशी नहीं देते। राजस्व विभाग के बड़े अफसरों द्वारा बार-बार अपमानित करने, निगम की गलत नीतियों के खिलाफ लडऩे और समस्याओं का निराकरण न होने सहित मांगों को लेकर राजस्व अमले ने मोर्चा खोल दिया है। इसके चलते निगम मुख्यालय, सभी १९ जोन पर तैनात एआरओ, बिल कलेक्टर, बाबू, कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित राजस्व विभाग से जुड़े अन्य कर्मचारियों को संगठित किया गया है ताकि हक की लड़ाई लडऩे के साथ अपनी बात बड़े अफसरों के समक्ष रख सकें। संगठन बनाने के लिए निगम के सभी 19 जोन पर तैनात एआरओ सहित राजस्व विभाग के अमले की एक बैठक रविवार को सुपर कॉरिडोर रोड स्थित बाबा ग्रेटर मैरिज गार्डन में हुई। इसमें राजस्व विभाग के अफसर सहित कर्मचारी मिलाकर ५०० से ज्यादा लोग जुटे, जिन्होंने निगम में अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर लडऩे के लिए बगावत का बिगुल बजाते हुए राजस्व कर्मचारी संघ का गठन किया जो कि निगम पहली बार बना है। बैठक में तय किया गया कि अब अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर लड़ा जाएगा। इसके साथ ही काम करने के बावजूद अपमान नहीं सहा जाएगा। संगठन का गठन करने के साथ अपने हक की लड़ाई के लिए आगामी रणनीति बनाई जाएगी।
रोकने के लिए बुलाई बैठक निगम में राजस्व विभाग अमले के बगावती तेवर अपनाने और हक की लड़ाई लडऩे के लिए संगठन बनाने की खबर बड़े अफसरों के कानों तक पहुंच गई थीं। राजस्व अमले की बैठक न होने के साथ ये लोग संगठित नहीं हो इसके लिए राजस्व वसूली की समीक्षा बैठक रविवार को छुट्टी होने के बावजूद रखी गई। सिटी बस ऑफिस में आयुक्त आशीष सिंह ने यह बैठक ली जो कि दोपहर १२ बजे से शुरू होकर दोपहर 3.30 बजे खत्म हुई। बैठक में सभी एआरओ को तलब किया गया और वूसली का टारगेट दिया गया। बैठक खत्म होने के बाद सभी एआरओ एयरपोर्ट रोड पर रखी गई बैठक में पहुंचे।