इंदौर रेलवे स्टेशन से संचालित होने वाली इंदौर-भोपाल इंटरसिटी, मालवा एक्सप्रेस, सराय रोहिल्ला इंटरसिटी, अवंतिका एक्सप्रेस, ओवर नाइट और रतलाम-इंदौर-ग्वालियर एक्सप्रेस ऐसी ट्रेन में जिनमें हर दिन चेन पुलिंग की घटनाएं होती हैं। चेन पुलिंग के पीछे हर अधिकांश बार एक ही कारण सामने आता है वह है यात्री द्वारा प्लेटफॉर्म पर देरी से पहुंचने का। कई बार यात्रियों के साथी ट्रेन में पकडऩे में लेट हो जाते हैं। जिसके चलते ट्रेन में मौजूद यात्री चेन पुलिंग कर देते हैं। तो कई बार चलती ट्रेन में चढऩे से हादसे के शिकार होने की घटना पर भी चेन पुलिंग की जाती है।
यह होती है कार्रवाई बार ट्रेन जाने के वक्त ही यात्री स्टेशन पहुंचते और ट्रेन में सवार साथियों से चेन पुलिंग करवाते हैं। इस कारण से ट्रेन लेट रवाना होती है। आगामी स्टेशन पर भी ट्रेन को प्लेस होने में दिक्कत होती है। आरपीएफ द्वारा समय-समय यात्रियों को जागरूक करने की मुहिम भी चलाई जाती है, बावजूद ऐसी घटनाएं होती हंै। इंदौर स्टेशन पर करीब हर दिन एक-दो केस चेन पुलिंग के बन रहे हैं। इसमें धारा १४१ के तहत कार्रवाई की जाती है, कोर्ट में एक हजार रुपए का दंड भरवाया जाता है।
संयुक्त कार्रवाई जरूरी सबसे ज्यादा अहम यह है कि आरपीएफ और टिकट चेकिंग स्टाफ को संयुक्त रूप से ट्रेनों में कार्रवाई करना चाहिए, ताकि यात्रियों को जागरूक किया जाए। आपातकालीन घटना के लिए चेन पुलिंग का उपयोग किया जाना चाहिए।