मार्च 2012 में खनन माफियाओं से मुठभेड़ में मुरैना जिले के बामौर थाना क्षेत्र में आरोपी मनोज गुर्जर ने आईपीएस नरेंद्र कुमार की कुचल कर हत्या कर दी थी। इसके बाद पूरे प्रदेश हंगामा हुआ और मामला सीबीआई को सौंपा गया। मामले में तत्कालीन प्रदेश सरकार की काफी किरकिरी हुई थी और कई आरोप भी लगे थे। पुलिस ने केवल ड्राइवर मनोज गुर्जर को आरोपी बनाया था। विचरण न्यायालय ने आरोपी को गैरइरादतन हत्या का दोषी मानते हुए धारा 304 भाग 2 भादवी के तहत 10 साल की सजा सुनाई, जिसके खिलाफ मृतक नरेंद्र कुमार के पिता केशव देव ने एडवोकेट मनीष यादव के माध्यम से अपील की। अपील पूर्व में ही स्वीकार की जा चुकी है और अंतिम बहस के लिए एडमिट है।
सात साल से जेल में है आरोपी आरोपी मनोज गुर्जर ने भी सजा के खिलाफ अपील की है। इसमें उसका पूर्व में 9 बार जमानत आवेदन निरस्त हो चुका है। एक बार पुन: उसने जमानत आवेदन इस आधार पर प्रस्तुत किया था कि उसे 10 वर्ष की सजा मिली है और वह विगत 7 साल से जेल में है। आधी से अधिक सजा भुगत चुका है, इसलिए जमानत दी जाए, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।