इंदौर। पीएचडी प्रवेश परीक्षा यूनिवर्सिटी की लेटलतीफी के कारण फिर मुश्किल में है। पीजी फाइनल ईयर के रिजल्ट जारी नहीं होने से विद्यार्थी पीएचडी के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। छात्रों ने अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग की है।
यूनिवर्सिटी ने पहली बार पीएचडी और एमफिल की प्रवेश परीक्षा साथ कराने की तैयारी की है। 1 सितंबर को होने वाली परीक्षा के लिए आवेदन 24 अगस्त तक किए जा सकेंगे। फाइनल ईयर की परीक्षा के बाद सैकड़ों छात्र पीएचडी या एमफिल की तैयारी कर रहे हैं। इनी छात्रों ने यूनिवर्सिटी में रिजल्ट की स्थिति जानी तो पता चला एमए फाइनल ईयर के रिजल्ट के लिए एक महीने और एम कॉम के रिजल्ट 15 दिन में जारी होंगे।
गुरुवार को विद्यार्थियों ने छात्रनेता अभिजीत पांडे के साथ परीक्षा नियंत्रक से मुलाकात की। डॉ. तिवारी ने मूल्यांकन केंद्र में संपर्क करने को कहा तो छात्रों ने बताया, केंद्र पर अधिकारियों ने एमए का रिजल्ट प्रवेश परीक्षा से पहले जारी करने से इनकार ही कर दिया है। पांडे ने कहा, विवि या तो 24 अगस्त से पहले पीजी के सभी रिजल्ट जारी करें या रिजल्ट जारी होने तक प्रवेश परीक्षा आगे बढ़ाई जाएं। डॉ.तिवारी ने कहा, रिजल्ट दो सप्ताह में जारी करने की कोशिश है।
12 विषय में एक भी सीट नहीं
नियमानुसार पीएचडी की प्रवेश परीक्षा साल में दो बार कराई जाना थी, लेकिन विवि में ये परीक्षा साल में एक ही बार कराई जा रही है। पिछली परीक्षा में भी गाइड्स ने परीक्षा तिथि तक खाली सीटों की जानकारी नहीं दी थी। इस बार हो रही पीएचडी में भी 12 विषय ऐसे हैं, जिनमें एक भी सीट खाली नहीं है। इनमें लॉ, दर्शन शा?, सोशल वर्क और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया शामिल है। पीएचडी सेल ने स्पष्ट किया है, परीक्षा होने तक गाइड्स की सहमति मिलती है तो सीटों की संख्या में इजाफा किया जा सकता है।