नई हज नीति से लगातार चार साल से आवेदन कर रहे लोगों के सपने पलभर में टूट गए हैं। नई नीति में इस बात की सिफारिश की गई है कि 70 साल और वह लोग जो पिछले चार सालों से हज पर जाने के लिए आवेदन कर रहे थे, उनको अब इस सुविधा से वंचित कर दिया गया है। इस लड़ाई को लड़ रहे कांग्रेस नेता शाहिद मोदी का कहना है कि इस साल जिनका हज पर जाना तय था, उन लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। नई हज नीति में समुद्र के रास्ते पानी के जहाज से की जाने वाली यात्रा का प्रावधान दिया है।
सऊदी अरब में छूट मिलने में संदेह : नई हज नीति में 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को बिना महरम (पुरुष सदस्य) हज पर जाने की छूट मिलने के प्रस्ताव पर धर्मगुरुओं का कहना था कि बिना महरम के हज पर जाने की इजाजत धर्म नहीं देता है। मुस्लिम समाज की महिलाओं का कहना है कि भारत में छूट तो मिली लेकिन सउदी अरब में इसे स्वीकार किया जाएगा कि नहीं, इसे लेकर संशय है। सउदी अरब यहां के कानून को मान कर प्रवेश देगा, यह संभव नहीं लगता है।
कुर्रे में नंबर नहीं आने वालों को मिले प्राथमिकताहज समितियों के लिए तीर्थ यात्रा
कोटा 70 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत निजी टूर ऑपरेटरों को दिया गया था, जिससे निजी टूर ऑपरेटर कोटा में 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। विगत चार-पांच सालों से कुर्रे में जिनका नंबर नहीं आ रहा है, उन्हें पहले प्राथमिकता दी जाए। वेटिंग अनुसार सूची तैयार हो ताकि लंबे समय से इंतजार कर रहे यात्रियों को प्राथमिकता मिल सके। मोदी ने कहा, इस संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, हज कमेटी एवं राज्यसभा के नेता गुलाम नबी आजाद को आवेदन भेजा जाएगा।
किराया भी बहुत बढ़ गया है
हज यात्रियों को सऊदी अरब के मक्का व मदीना की जिन होटलों व अन्य भवनों में ठहराया जाएगा, वहां का किराया भी इस वर्ष अधिक लगेगा। हज यात्रियों को जो परिवहन सेवा उपलब्ध कराई जाएगी, उसका भी अधिक किराया होने की आशंका है।
-दाउद खान, कार्यपालन अधिकारी, राज्य हज कमेटी भोपाल