कमिश्नर प्रणाली को लेकर शासन ने काफी कुछ तय कर लिया है। अभी जो फार्मेट तय हुआ है उसमें पुलिस को ज्यादा अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं। सीआरपीसी के तहत कुछ अधिकार देने की बात सामने आई है। धारा 110, धारा 151 के तहत जमानत देना, धारा 144 लगाना, जिलाबदर करने के अधिकार पुलिस को दिए जा रहे हैं।
145 के तहत संपत्ति के मामले में बाउंड ओवर करना, रासुका लगाना जैसे अधिकार को लेकर फैसला नहीं हुआ है। दूसरे प्रदेशों में कमिश्नर के पास शस्त्र लाइसेंस जारी करने, फायर एनओसी, किसी बिल्डिंग में सुरक्षा व कैमरे लगाने जैसे प्रबंध करने जैसे अधिकार कलेक्टर के पास ही रहेंगे, इन्हें फिलहाल पुलिस को नहीं देने की बात सामने आई है। हालांकि नोटिफिकेशन के स्थिति साफ हो पाएगी। एडीजी को कमान देने की स्थिति में कमिश्नर विपिन माहेश्वरी, उपेंद्र जैन, संजीव शमी के नाम हैं। आइजी को ही कमान देंगे तो हरिनारायणाचारी मिश्र की संभावना ज्यादा है।
पूर्व- पश्चिम में दो-दो डीसीपी, लसूडिय़ा-बाणगंगा जैसे बड़े थाने को होंंगे दो भाग
अभी जो फॉरमेट तय हुआ है उसमें अधिकारियों की संख्या बढऩा तय है लेकिन बल बढऩे की स्थिति नजर नहीं आ रही है। अभी जिले में 2016 में स्वीकृत बल ही उपलब्ध नहीं है। इन सालों में करीब 928 आरक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन उनकी जगह पोस्टिंग नहीं हुई है। अधिकारियों का कहना है कि करीब 2 हजार अतिरिक्त बल मिलने पर कमिश्नर प्रणाली प्रभावी ढंग से लागू हो पाएगी।
अधिकारियों का होगा कोर्ट रूम