इंदौर। शहर में प्लॉट्स की धोखाधड़ी के मामले में तुकोगंज पुलिस ने मुख्य आरोपी राजेंद्र सिंह भुल्लर को गिरफ्तार किया। पुलिस को मिली दो दिन की रिमांड में पहले दिन भुल्लर को लेकर बॉबी के घर पहुंची। बॉबी को भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है। मथूरा महल गार्डन की जमीन की धोखाधड़ी के मूल दस्तावेज बॉबी के पास हैं।
एएसआई अशोक शर्मा के साथ उनकी टीम बॉबी के घर करीब सवा घंटे तक जांच करते रहे। आखिर तक उनके हाथ कोई डॉक्यूमेंट नहीं लगा। भुल्लर की गिरफ्तारी के बाद से ही तुकोगंज पुलिस सवालिया निशान लग रहे थे। इस मामले में एडीजी विपिन माहेश्वरी ने भी अफसरों बात की है।
दिनभर में आधा दर्जन से ज्यादा करीबी भुल्लर से मिलने थाने पहुंचे। टीआई दिलीप सिंह ने सभी करीबियों को अपने कैबिन में बैठाया। थोड़ी-थोड़ी देर में एक-एक कर करीबी लोग कैबिन से निकलते रहे और दूसरे करीबियों के कैबिन में जाने का सिलसिला चलता रहा। करीबियों की आवभगत में जुटी पुलिस दिनभर में आरोपित से एक भी जानकारी नहीं जुटा सकी।
पुलिस रोल कॉल के पहले शाम 5.45 बजे थाना परिसर में सफेद रंग की कार घुसी, जिसमें से कुछ लोग उतरे और सीधे टीआई के कैबिन में पहुंच गए। सूत्रों के मुताबिक, टीआई के कैबिन में मिलने आए लोग भुल्लर के करीबी व रिश्तेदार बताए जा रहे थे। वे टीआई से मिलने के बाद काफी देर तक थाने के बाहर रोड पर एक लग्जरी कार के पास खड़े रहे। एएसआई अशोक शर्मा ने माना कि आरोपित को दो दिन की रिमांड पर लिया है। हालांकि पूछताछ में उसने किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी। ऐसे में रिमांड का पहला दिन पूरी तरह खाली रहा।
अब पुलिस के बड़ी चुनौती है कि महज एक दिन में आरोपित से संबंधित मामले में कितनी जानकारी जुटाई जा सकेगी। मालूम हो कि 1997 में आईडीए के दो प्लॉट को फर्जी दस्तावेज के आधार पर राजेंद्र सिंह भुल्लर, उसकी पत्नी ने तत्कालीन आईडीए अफसर अशोक जैन व सुरेश भंवर की मदद से हथिया लिए थे। वर्ष 2005 में इस संबंध में प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस ने बॉबी छाबड़ा, अशोक जैन व सुरेश को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था, तभी से भुल्लर व उसकी पत्नी फरार थे।