विधानसभा चुनाव के दौरान लगी आचार संहिता के कारण अवैध कॉलोनियों को वैध करने की चल रही प्रक्रिया को रोक दिया गया। चुनाव निपटते ही अवैध कॉलोनियों को वैध करने की कार्रवाई निगम कॉलोनी सेल ने फिर शुरू कर की। 596 में से तकरीबन 198 अवैध कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है। इनका लेआउट प्लान तैयार करके ट्रेसिंग पेपर पर उतारने के बाद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (टीएंडसीपी) को भेजा गया ताकि कॉलोनियों के लेआउट में नदी-नाले, सड़क, मार्ग और लैंड यूज चिन्हित हो जाए। इन सारी कॉलोनियों के ट्रेस लेऑउट टीएंडसीपी से आने के बाद निगम कॉलोनी सेल ने नियमितिकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया।
अवैध कॉलोनी को वैध करने के पहले लोगों से विकास शुल्क जमा कराया जाएगा। इसके लिए निगम कॉलोनी सेल ने वैध होने वाली 198 कॉलोनियों में से पहले 48 और फिर बाद में 98 अवैध कॉलोनियों की सार्वजनिक सूचना जारी की। अभी तक कुल 146 अवैध कॉलोनियों को वैध करने की सूचना जारी हो गई है। बाकी बची कॉलोनियों की सूचना एक-दो दिन में जारी होगी। जिन 146 कॉलोनियों को लेकर सूचना जारी हुई है उनमें रहने वाले लोगों से विकास शुल्क लेने से पहले 7 दिन में दावे-आपत्ति बुलाए गए हैं। इनके आने के बाद निराकरण और फिर कॉलोनियों का नियमितिकरण होगा। पूरी प्रक्रिया निपटने के बाद अवैध कॉलोनी वैध होने के साथ नक्शे पास होने लगेंगे और लोगों को लोन भी मिलेगा। अवैध कॉलोनी होने से अभी यह लाभ लोगों को नहीं मिलता है।
निगम अफसरों के अनुसार 198 अवैध कॉलोनियों को वैध करने को लेकर टीएंडसीपी, आईडीए, कलेक्टोरेट के नजूल और सिलिंग विभाग की एनओसी मिल गई है। अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रकिया को जल्द से जल्द से पूरा करने में आयुक्त आशीष सिंह सहित अपर आयुक्त संदीप सोनी, उपायुक्त अरुण शर्मा और उपयंत्री विनोद मिश्रा सहित कॉलोनी सेल का स्टाफ लगा हुआ है।
596 वैध होने लायक
कॉलोनी सेल ने शहर सहित निगम सीमा में आए 29 गांवों की अवैध कॉलोनियों का सर्वे कराया। निगम के 19 जोनों में आने वाले 85 वार्डों में सर्वे हुआ तो 900 से ज्यादा कॉलोनियां अवैध निकलीं। टीएंडसीपी, आईडीए, नजूल और सिलिंग की अनापत्ति आने के बाद 596 को वैध होने लायक पाया। इसके बाद फिर से अनापत्ति लेने पर 198 रह गई जो कि वैध होंगी।
सड़क, पानी निकासी और बगीचे का लेंगे पैसा
कॉलोनी सेल जिन अवैध कॉलोनियों को वैध कर रहा है, उनमें विकास कार्य करने का स्टीमेट और लेआउट प्लान तैयार कर लिया है। कॉलोनी के वैध होने पर लोगों को सड़क, बरसाती पानी निकासी के लिए डलने वाली स्टॉर्म वॉटर पाइप लाइन और बगीचे डेवलपमेंट का पैसा देना है। ड्रेनेज, वॉटर सप्लाय और स्ट्रीट लाइट का पैसा निगम जनता से नहीं लेगी। वैध होने वाली कॉलोनियों में विकास कार्य करने पर कितना शुल्क लेना है। इसके लिए अलग-अलग रेट के हिसाब से शुल्क तय किया गया है जो कि लाखों-करोड़ में जाएगा। इस पर ही लोगों से दावे-आपत्ति बुलाई गई हैं।
भाजपा की जगह कांग्रेस सरकार को मिलेगा श्रेय
अवैध कॉलोनियों को वैध करने की घोषणा विधानसभा चुनाव के पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी, ताकि प्रदेश में भाजपा सरकार को इसका फायदा मिल सकें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चुनाव परिणाम आने के बाद सत्ता परिवर्तन होने के साथ कांग्रेस का राज प्रदेश में हो गया। अपने कार्यकाल में पूर्व मुख्यमंत्री चौहान इंदौर की एक भी कॉलोनी को अवैध से वैध घोषित नहीं कर पाए। कारण प्रक्रिया में देरी होना और एनओसी नहीं मिलना बताया जा रहा है। अब 198 अवैध कॉलोनियों को लेकर सब कुछ हो गया है, लेकिन घोषणा कांग्रेस सरकार में होगी और श्रेय भी मिलेगा।