देश में राफेल मुद्दे को लेकर कांग्रेस के द्वारा मोदी सरकार पर लगातार हमले किए जा रहे हैं मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव में कांग्रेस के द्वारा राफेल मुद्दे को भी भुनाये जाने की तैयारी की जा रही है। जिसकी शुरुआत कांग्रेस ने इंदौर से की है इंदौर में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मोदी सरकार पर लड़ाकू विमान राफेल की खरीदारी में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं ,कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल और विवेक तंखा ने इंदौर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार को राफेल मुद्दे पर कटघरे में खड़ा किया कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का कहना है लड़ाकू विमान राफेल को खरीदने का फैसला 2012 में कांग्रेस ने तय किया था जिसके लिए सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया और सीसीएस मैं तय होने के बाद 2012 में 560 करोड रुपए एक विमान खरीदने का दाम तय हुआ था, जिसके बाद 2014 में मोदी सरकार आने के बाद एक विमान की कीमत 16 सौ करोड रुपए जा पहुंची ,कांग्रेस का आरोप है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 अप्रैल 2015 के फ्रांस दौरे के समय राफेल को लेकर बातचीत से मना किया जा रहा था। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल का सौदा उसी समय कर दिया प्रधानमंत्री के दौरे से पहले भारत सरकार के अधिकारी जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 8 अप्रैल को यह बात मानी थी प्रधानमंत्री का दौरा सिर्फ दो राष्ट्रों के बड़े नेताओं की मुलाकात तक सीमित है जिसमें की राफेल मुद्दा नहीं है।
वहीं कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाए कि 27 मार्च 2015 को फ्रांस में आयोजित हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डेसाल्ट के सीईओ ने भी कहा था की राफेल को लेकर के 95% डील हो चुकी है और 5% बाकी डील होना बाकी है, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने यह भी आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के द्वारा डिफेंस मिनिस्ट्री फॉरेन मिनिस्ट्री को भी कॉन्फिडेंस में नहीं लिया गया था यहां तक की डील फाइनल करने के 3 दिन पहले ही रक्षा मंत्री को सूचना दी गई, कांग्रेस नेताओं ने राफेल डील को हिंदुस्तान का सबसे बड़ा घोटाला बताया कांग्रेस नेताओं का कहना था कि यूपीए सरकार के समय भी विमान खरीदे गए थे और उनकी जानकारी मांगने पर संसद में उनकी जानकारी दी गई थी जबकि मोदी सरकार राफेल डील से जुड़ी हुई तमाम जानकारियां जनता से छुपा रही है कांग्रेस नेताओं ने मांग की कि मोदी सरकार संसद में यह बताएं कि 560 करोड़ रुपए में खरीदे जाने वाला विमान 1600 करोड़ रुपए में क्यों खरीदा गया ।
इस दौरान कांग्रेसी नेता विवेक तनखा ने भी मध्यप्रदेश सरकार पर जमकर घेरा , उन्हें प्रदेश में हो रहे घोटाले पर सरकार की चुप्पी पर सवालियां निशान लगते हुए सरकार से जवाब मांगा है। इस दौरान विवेक तनखा ने इंदौर शहर की सफाई व्यवस्था और स्वच्छता की जमकर तारीफ़ भी की , उन्होंने कहाँ की पुरे प्रदेश में इस तरह की सफाई व्यवस्था होना चाहिए साथ ही देश के अन्य शहर भी इंदौर से सीखे।
हालाँकि यह पत्रकार वार्ता के दौरान याह बात तो स्पष्ट हो गयी की, कांग्रेस प्रदेश की जनता को लुभाना चाहती है जो की राजनैतिक दल के लिहाज से ठीक भी है। लेकिन आम जनता से जुड़े आम मुद्दों से दूर रहने वाली कांग्रेस को राफेल सौदे के मुद्दे से कितना पोलिटिकल माइलेज मिलेगा यह तो वक़्त ही बताएगा।